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________________ भरे जाते हैं । विशेष खुलासा के लिये यहाँ कुछ और उदाहरण दिये जाते हैं। जैसे अन्तिम दो खानों में ४५ या ५४ अक रहने पर शेष १,२, ३रहते हैं। इनमें १ को पहला, २ को दूसरा और ३ को तीसरा अंक मान कर उक्त यन्त्र के अनुसार पहले तीन खाने भरने से पहला और पांचवां कोष्टक बन जायगा। १ स्थायी ५ स्थायी ( १ २ ३५४ سم १ भंग पहला दुसरा तीसरा २ भंग दूसरा पहला नीसरा ३ भग पहला तीसरा दूसरा ४ भंग तीसरा पहला दूसरा ५ भग दूसरा तीसरा पहला ६ भंग तीसरा दूसरा पहला m www مه سه I AV ३ २ ११४५१३ २ १/५४ दूसरा उदाहरण स्थायी अंक ३५ और ५३ का लीजिये। यहां शेष अंक १, २, ४, रहेंगे। इनमें १ को पहला २ को दूसरा और ४ को तीसरा समझ कर यन्त्र के अनुसार पहले तीन खाने भरने से दूसरा और नवां कोष्ठक बन जायगा। २ स्थायी स्थायी M १ भंग पहला दूसरा तीसरा |१२ ४१३५ १२४५३ २ भंग दूसरा पहला तीसरा ३ भग पहला तीसरा दूसरा १ ४ २/३ ५ १४२५ ४ भंग तीसरा पहला दूसरा ४ १ २/३ ५ ४ १.२| ५ भंग दुसरा तीसरा पहला २ ५ १/३ ५ २४१५ ६ भग तीसरा दूसरा पहला ४ २ १।३५ ४ २ ११५ ३ -
SR No.010513
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta, Bhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1943
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size10 MB
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