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________________ पृष्ठ भेद [१२] बोल नं० पृष्ठ | पोल नं० ११२ पानी इक्कीस प्रकार का ६३ | ६५८ भिक्षाचर्या के तीस भेद ३१० ६५६ पाप श्रुत के उनतीस भेद ३०५ | १५० मतिज्ञान के अट्टाईस ११५ पारिणामिकी बुद्धि के २३ इक्कीस दृष्टान्त ७३ / ९४३ मर्यादा छब्बीस ६३६ प्रतिलेखना के पच्चीस बोलों की २२५ भेद २१८६६० महामोहनीय कर्म के ११८ प्रश्नोत्तर इक्कीस १३३ तीस स्थान ५१ मोहनीय कर्म की १२० वाईस परिपह अट्ठाईस प्रकृतिया २८४ १०३ बीस विहरमान ८ य ६१५ बुद्धि (पारिणामिकी, के ६१८ यतना यिना खुले मुंह इक्कीस दृष्टान्त ७३ | कही गई मापा सावद्य E४६ बुद्धि (श्रौत्पत्तिकी) के होती है या निरवद्य १५० सत्ताईस दृष्टान्त २४२ / | ६५४ लब्धियां अट्ठाईस २८८ १२२ भगवान् महावीर स्वामी १०३ लांछन चीस विहरमानों के ६ की चर्चा विषयक तेईस गाथाएं १६६ / १२६ वर्तमान अवसर्पिणी १३. भरतक्षेत्र के आगामी के चौवीस तीर्थकर १७७ चौबीस तीर्थकर १९६ | १५२ वाचना देने वाले के * भव्य जीवों के सिद्ध अट्ठाईस गुण २८६ हो जाने पर क्या लोक ३६ वाद में दूपणाभास भव्यों से शुन्य हो (जात्युत्तर) चौपीस २०६ जायगा ? (५) १३६ | १२१ वाद में हार हो जाने १३८ भावनाए पच्चीस पांच (निग्रह) के पाईस महावतों की २१७ स्थान १६२
SR No.010513
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta, Bhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1943
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size10 MB
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