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श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह पांचवें भाग
खर्च का व्यौरा कागज१८४२२ तेतीस रीम २१) रुपये प्रति रीम
६९३) छपाई ७) प्रति फार्म (आठ पेजो), कुल फार्म ६६ ४६२) जिल्द बंधाई 1) एक प्रति
१८७॥
१३४२॥ ऊपर बताए हुए हिसाब के अनुसार कागज, बाइन्डिङ्ग-क्लोथ,कार्डबोर्ड तथाप्रेस की अन्यसब चीजों का भाव बढ़ जानेसे एक पुस्तक की लागत करीव २॥-पड़ी है। ग्रन्थ तैयार कराना,प्रेस कापी लिखाना तथाप्रूफरीडिङ्ग
आदि का खर्च एक पुस्तक पर करीब ३) रुपया पाता है। ऊपर का खर्च और यह खर्च दोनोंजोड़ने से एक पुस्तक की कीमत करीब५||-पड़ती है। पुस्तक की कीमत लागत मूजिव नरख कर ज्ञान प्रचारको दृष्टि से केवल २) ही रखी गई है, वह भी पुनःज्ञानप्रचार में ही लगाई जावेगी।
नोट-इस पुस्तक की पृष्ठ संख्या ४९० + ३२कुल मिला कर ५२२ है। पुस्तक का वजन लगभग १५ छटांक है। एक पुस्तक मंगाने में खर्च अधिक पड़ता है । एक साथ पाँच पुस्तके रेल्वे पार्सल से मंगाने में खर्च कम पड़ता है । मालगाड़ी से मंगाने पर खर्च और भी कम पड़ता है । पुस्तक बी. पी. से भेजी जाती है। कीमत पहले से ही कम रखी गई है इसलिये कमीशन नहीं दिया जाता। पुस्तक मंगानेवाले सज्जनोको अपना पूरा पता (पोस्ट आफिस, रेल्वे स्टेशन आदि)साफ साफ लिखना चाहिए।
पुस्तक मिलने का पता(१) पुस्तक प्रकाशन समिति (२) अगरचन्द भैरोदान सेठिया वूल प्रेस बिल्डिंग्स जैन पारमार्थिक संस्था
बीकानेर (राजपूताना)