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________________ परमप्रतापी जैनाचार्य पूज्य श्री जवाहरलालजी महाराज तथा युवाचार्य मुनि श्री गणेशीलालजी महाराज के अपनी विद्वान् शिष्य मण्डली के साथ बीकानेर या भीनासर विराजने से भी हमें बहुत लाभ प्राप्त हुआ है । मुनि श्री सिरेमलजी महाराज तथा मुनि श्री जंवरीमलजी महाराज ने भी बोलो को शुद्ध, प्रामाणिक और अधिक उपयोगी बनाने मे पूरा सहयोग दिया है । इसके लिए हम उनके सदा ऋणी रहेंगे । १५ अगस्त १९४१ बीकानेर पुस्तक प्रकाशन समिति प्रमाण के लिए उद्धृत ग्रन्थों की सूची ग्रन्थ नाम कत्तो प्रकाशक एवं प्राप्ति स्थान अनुयोगद्वार सूत्र मलधारी हेमचन्द्र सूरि आगमोदय समिति सूरत। प्राचारांग सूत्र शीलांकाचार्य टीका। सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति सूरत । आवश्यक चूर्णि भद्रबाहुस्वामिकृत ऋषभदेव केसरीमल जिनदास गणिकृत श्वेताम्बर संस्था रतलाम । नियुक्ति सहित, श्रावश्यक नियुक्ति मलयगिरि सूरि टीका आगमोदय समिति सूरत । उत्तराध्ययन सूत्र शान्तिसूरि बहवृत्ति । आगमोदय समिति सूरत । उपासक दशाङ्ग अभयदेव सूरि टीका। आगमोदय समिति सूरत । औपपातिक सूत्र अभयदेव सूरि टोका आगमोदय समिति सूरत। कर्मग्रन्थ ( पहला, देवेन्द्र सूरि विरचित आत्मानन्द जैन पुस्तक दूसरा, चौथा) पं० सुखलालजोकृत प्रकाशक मण्डल आगरा। हिन्दी व्याख्या सहित । कर्म प्रकृति शिवाचार्य प्रणीत, जैनधर्म प्रसारक सभा उपाध्याय श्री यशोविजय भावनगर। विरचित सटीक
SR No.010512
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages529
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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