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________________ १५. भी सेठिया जैन अन्धमाला . . १० वर्ष, कृष्णा आर्या ११ वर्ष, सुकृष्णा आर्या १२ वर्ष, महा कृष्णा आर्या १३ वर्ष, वीरकृष्णा आर्या १४ वर्ष, रामकृष्णा आर्या १५ वर्ष, प्रियसेनकृष्णा आर्या १६ वर्ष, महासेन कृष्णा आर्या १७ वर्ष । (अन्तगड सूत्र पाठवां वर्ग) ६८७- आवश्यक के दस नाम उपयोग पूर्वक आवश्यक सूत्र का श्रवण करना, यतना पूर्वक पडिलेहणा वगैरह आवश्यक कार्य करना, सुबह शाम पापों का प्रतिक्रमण करना तथा साधु और श्रावक के लिए शास्त्रों में बताए गए कर्तव्य आवश्यक कहलाते हैं । इसके दस नाम हैंश्रावस्सयं अवस्सकरणिज्जं धुव निग्गहो विसोही य । अज्झयणछक्क वग्गो नानो पाराहणा मग्गो ॥ (१) आवश्यक- जो अवश्य करने योग्य हो उसे आवश्यक अथवा आवासक कहते हैं । अथवा जो गुणों का आधार है वह आवश्यक है। या जो क्रिया आत्मा को ज्ञान आदि गुणों के वश में करती है वह आवश्यक है । जो आत्मा को ज्ञानादि गुणों के समीप ले जाता है, उसे गुणों द्वारा सुगन्धित करता है उसे आवासक कहते हैं। अथवा जो आत्मा को ज्ञानादि वस्त्र द्वारा सुशोभित करे, या जो आत्मा का दोषों से संवरण करे अर्थात् दोष न आने दे वह आवासक है। (२) अवश्यकरणीय- मोक्षाभिलाषी व्यक्ति द्वारा जो अवश्य किया जाता है उसे अवश्यकरणीय कहते हैं। (३) ध्रुव- जो अर्थ से शाश्वत है। (४) निग्रह- जिससे इन्द्रिय और कषाय वगैरह भाव शत्रओं का निग्रह अर्थात् दमन हो। (५) विशुद्धि-कर्म से मलीन आत्मा की विशुद्धि का कारण । (६) षडध्ययन--सामायिक आदि छः अध्ययन वाला। सामा
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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