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________________ ७ १. इन्द्रचन्द्रजी शास्त्री बी. ए. वेदान्त वारिधि शास्त्राचार्य न्यायतीर्थ । " रोशनलालजी जैन बी. ए. न्याय काव्य सिद्धान्ततीर्थं विशारद। ८ "" १५ १६ १७ १८ १६ ६ १० ११ १२. " १३ १४ श्यामलालजी जैन एम. ए., न्यायतीर्थ विशारद । घेवर चन्द्रशी बांडिया वीरपुत्र सिद्धान्त शास्त्री, न्यायतीर्थ व्याकरणतीर्थ 6 , " पं० सच्चिदानन्दजी शर्मा शास्त्री २० श्री फकीरचन्दजी पुरोहित 22 धर्मसिंहजी वर्मा शास्त्री विशारद २१ नंदलाल जी ब्यास 22 " हुकम चन्दजी जैन " " ," " 93 59 २८ श्रीमती रामप्यारी बाई २६ फूली बाई ३० गोराबाई 93 " : १२: 99 ३३ श्री गोपीनाथजी शर्मा ૩૪ फुसराजजी सीपागी ३५ गुलामनबी ३६ " रजकुमारजी मेहता विशारद कन्हैयालालजी एक विशारद मदनकुमारजी मेहता निशारद २५ भीरामचन्दजी मुराया हिन्दी प्रभाकर २६ राजकुमारजी जैन हिन्दी प्रभाकर २७ लाली महात्मा २२ ૩ २४ " "" कन्या पाठशाला " 27 " " 27 " 19 ३१ श्री रतनी बाई ३२ भगवती बाई सेठिया प्रिंटिंग प्रेस ३७ ོང ३६ किशनलालजी व्यास भोमराजजी मालू मूलचन्दजी सी पानी पानमलजी आसाणी मगनमलजी गुलगुलिया मीनाराम माली " मगनमलजी सोपाणी रामलालजी काला मूलचन्दजी राजपूत 1 सुरा ,, कल के मकानों का किराया १६६७८ || व व्यांज रु० ३४४ । प्राए जिसमें १३६६ बालपाठशाला विद्यालय, नाइट कालेज, कन्या पाठशाला प्रन्थालय मादि में खर्च हुए। तथा श्रीमान् सेठ श्री भैरोदानजी साहब ने ५०००) ६० ज्ञानसाहित्य खाते अपने पास से नए दिए
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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