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________________ ३८० ६६ [ २६ ] विषय बोल नम्बर | विषय बोल नम्बर उपनय उचार प्रस्रवण श्लेष्म सिंघाण । उपपात जल्ल परिस्थापनिका समिति ३२३ । उपपात सभा ३६७ उत्कटुकासनिक ३५७ / उपभोग परिभोग परिमाण उत्क्षिप्त चरक ३५२ / गुणवत (क) १२८ उत्तर गुण ५५ , उपभोग परिभोग परिमायण व्रत उत्तराध्ययन सूत्र की व्याख्या के पांच अतिचार ३०७ और छत्तीस अध्ययनों के नाम । उपभोग परिभोगातिरिक्त तथा उनका मंक्षिप्त भाव २०४ | उपभोगान्तराय ३८८ उत्पानिया २०१। उपमान प्रमाण उत्पाद ६४ उपमा मंग्या की व्याख्या और उत्सग ४० ! भेद उत्सर्पिणी ३३ ' उपयोग उत्सेधांगुल 'उपयोग भावेन्द्रिय उदय उपशमना उपक्रम २४६ उदाहरण ___ उपशम श्रेणी उदारणा २४३ उपशम ममकित रदीरणा उपक्रम उपसर्ग चार उद्देशाचार्य उपादान कारण उद्धार पल्योपम १०८ उपाध्याय उद्धार सागरोपम उरपरिमर्प १०६ उन्मार्ग देशना उपकरण द्रव्येन्द्रिय ०४ उपक्रम २०८ उपक्रम की व्याम्या और भेद ०४६ ऊर्ध्वना मामान्य । m २३६ ४०६ ४८६ उष्ण योनि ५६
SR No.010508
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1940
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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