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________________ पंचम माग | 1 हमारी आत्माओं से पर्वतों को हिला देने वाली शक्तियां निकल चुकी हैं। आप एक बात तो बताइये ? The ( ३५३ ) ब्र० - पूजिये । सा०-- ज्ञान प्राप्त करने का और ये जानने का कि भाज कल जो प्रचलित है वो कहां तक झूठ है और कहां तक सत्य है, इसका क्या उपाय है। पुराने वाक्य कहां तक कपोल कल्पित हैं कहां तक ठीक हैं ये कैसे जाना जा सकता है । ब्र०---ये सब बातें जैन शास्त्रों को पढ़ने से मिल सकती जिननी प्रचलित कथायें हैं उनमें सबमें थोड़ा २ सत्य है । पूर्ण सत्यता जैन शास्त्रों और जैन पुराणों के पढ़ने से ही मालूम पढ़ सकती है। सा०—किंतु आपके यहां तो बहुत पुराण हैं। खास खास पुराण कौनसी हैं सो बताइये ब्र० - वैसे तो सभी खास खास हैं । किंतु उनमें भी भादिपुराण, पद्मपुराण, हरिवंशपुराण, पांडवपुराण, प्रद्युम्नचरित्र, पार्श्वपुराण और महावीर पुराण ये विशेष पढ़ने योग्य हैं । सा०-- इनमें क्या क्या विषय हैं ? Montgome ब्र० भादि पुरण से यह ज्ञात होता है कि सृष्ठी की रचना किस प्रकार हुई है । वर्ण व्यवस्था कम प्रारंभ हुई । ये ढोंगी साधु कैसे बने, इत्यादि । पद्मपुराण का वृतान्त नाटक *
SR No.010505
Book TitleJain Natakiya Ramayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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