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________________ ★ सेठ लालच जी मरलेचा, मद्रास सौजत ( मारवाड़ ) निवासी सेठ बिरदीचन्दजी मरलेचा एक परम धर्मनिष्ट और उदार हृदय सज्जन थे । मद्रास जैन समाज व व्यापारी समाज में... आपका विशिष्ठ स्थान था । सामाजिक, धार्मिक व अन्य लोकोपकारी कार्यों आपकी सदा सहायता रहती थी । मद्रास में जैन बोर्डिंग निर्माण कार्य में ५० हजार रुपया आपने प्रदान किया था । केटालिया ( मारवाड़ ) में ५० हजार दान प्रदान - कर एक पाठशाला स्थापित की । सिरयारी के जैनेन्द्र ज्ञानमंदिर में २० हजार रुपया सहायतार्थ प्रदान किये । आपकी धर्मपत्नी के नाम से श्री प्रेमकँवर पाठशाला चल रही है । जैन गुरुकुल व्यावर, नागौर सोजत, मद्रास आदि स्थानों की संस्थाओं को समय समय पर काफी सहायता प्रदान की जाती रही है । । आपके एक पुत्र हुए थे पर वे अल्पवय में ही स्वर्गवास हो जाने से मारवाड़ जंकशन के सेठ चंदन मलजी मरलेचा के पुत्र श्री लालचन्दजी को सं १९७० में गोद लिया । SARA स्व० सेठ विरदीचंदजी मरलेचा, मद्रास सेठ लालचंदजी मरलेचा, मद्रास -: सेठ लालचंदजी:--आप भी अपनी उदार प्रकृति, मिलन सारिता तथा समाज सेवा भावना से बड़े लोकप्रिय सज्जन बने हुए है । आपका जन्म सं० १६३६ .. का है । आपने स्वर्गीय सेठ वृद्धिचंदजी साव के स्मरणार्थ एक बड़ी धन राशी परोपकारी कार्यों के लिये निकाली है। मद्रास में पच्चीस हजार रुपये में "व चन्द्र जैन फ्री डिसपेन्सरी" नामक धर्मार्थ औषधालय प्रारम्भ किया हैं । रायपुरम् मद्रास में फर्म का नाम विरदीचंद लालचन्द्र मरलेचा हैं ।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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