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________________ * जैन-गौरव-स्मृतियां - - A .. :"TEE श्री सेठ मुरलीधरजी दौलतरामजी बोहरा-पंचगणी ( सतारा ). श्री सेट दौलतरामजी के सुपुत्र श्री 'मुरलीधरजी का शुभ जन्म सं १६६३ मेंहुआ। अपने पूर्वजों के अनुरूप ही धर्म निष्ठ, उदार दिल और परोकारी सज्जन है । आपके सुपुत्र श्री शान्तिलालजी उत्साही नवयुक हैं । मुन्नी और सुशीला नामक आपके दो कन्यायें भी है। . "शाह मुरलीधर दोलतराम बोरा" के नाम से आप किराणा का व्यापार करते हैं । स्थानीय व्यापारी समान में आप प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं। तथा सर्वजनिक एवं सामाजिक कार्यों में उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं। .. 2 ... *श्री कन्हैयालालजी भंडारी, कराड (सतारा) आपका मूल निवास स्थान वादनवाड़ी (मारवाड़) है । आयु ३५ वर्प । आपकी सामाजिक सुधार कार्यों में विशेष दिलचस्पी है । सार्वजनिक व शिक्षा प्रचार कार्यों में तन मन व धन से सहयोगी रहते हैं । वर्तमान में कराड़ — (सतारा) में आपका कपड़े का व्यवसाय हेता है। .. : सेठ प्रागजी जयवन्त राजजी भंडारी, कराड श्री जयवन्तराजजी का जन्म सं. १६८३ कार्तिक शुक्ला. १३ को बादनवाड़ी
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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