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________________ * जैन-गौरव-स्मृतियां Fथे और वे औहोशिक और नैमित्तिक भिक्षा स्वीकार नहीं करते थे । इतना ही नहीं जब लोग जीमने बैठे हों तव अथवा दुष्काल के समय एकत्रितं अन्न में से भी भिक्षा मांगते नहीं थे और मछली मांस आदि मादक पदार्थ भी खाते नहीं थे।" .. गोशालक ने जैनसिद्धान्तों के अनुरूप ही अपने कई सिद्धान्तों का प्रचार किया । वह भ. महावीर के साथ छः वर्ष तक रहा अतः उसके सिद्धान्तों में जैनधर्म की छाया स्पष्ट है । आजीविक सम्प्रदाय की मुख्य नियतिवाद -विषयक मान्यता के अतिरिक्त एक और विशेषता है-वह है पुनर्जन्म विषयक विचित्र मान्यता । गोशालक का ऐसा मत था कि जीव को अनेक प्रकार के विविध भव में जन्म लेना पड़ता है और अन्त में निवाणपद पाने के अन्तिम भव में सात बार खोली बदलनी पड़ती है । अर्थात् किसी मृत्यु प्राप्त शरीर में 'घुस कर नवीन रूप से जीवन चर्या करनी पड़ती है। ऐसा होने के बाद ही . निर्वाण प्राप्त किया जा सकता है। उसने स्वयं भी १३३ वर्ष की अपनी आयु में छह बार खोली बदलने के बाद सातबी बार श्रावस्ती में गोसाल के शव प में प्रवेश किया और वहां सोलह वर्ष तक रहा । इस सिद्धान्त के आधार पर • गोशालक कहता था कि महावीर का जो गोशाल शिष्य था उसकी तो मैंने खोली ग्रहण की है, बाकी मेरे जीव के साथ उस गोशाल का कोई सम्बन्ध । नहीं है । यह है गोशालक की पुनर्जन्म सम्बन्धी विचित्र मान्यता।। . .. .. गोशालक की मृत्यु के बाद भी उसका सम्प्रदाय चलता रहा। ईस्वी सन् की छठी शताब्दी में अजीविक सम्प्रदाय अलग सम्प्रदाय के रूप में प्रसिद्ध - था। तेरहवीं शताब्दी में भी इस सम्प्रदाय का नाम कहीं २ दिखाई देता है। बाद में यह सम्प्रदाय प्रो० ग्लाजेनाप के कथनानुसार दिगम्बर सम्प्रदाय में विलीन हो गई। - ... यह अनिश्चित वाद या अज्ञान बाद का प्ररूपकहै । इसका सिद्धान्त इस प्रकार है :-"यदि आप पूछे क्या परलोक है ? और यदि मैं समझू कि . परलोक है, तो आपको बताऊँ कि परलोक है। मैं ऐसा भी ... संजय वेलहिपुत्त नहीं कहता हूँ कि “यह नहीं है ।" परलोक नहीं है। .: परलोक है भी और नहीं भी है। परलोक न है . और न नहीं है। अयोनिज प्राणी नहीं है, है भी और नहीं भी है।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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