SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 715
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन-गौरव-स्मृतियां ... निवासी शाह खूबचन्दजी नेभाजी भंडारी के यहाँ हुआ । वहां से आप मु० लेटा ( जालौर ) निवासी शाह प्रागनी जेरुपजी के यहां गोद आये। .. आप एक व्यापार दक्ष, मिलनसार स्वभावी सज्जन हैं। रेट हीरादजी परमार एना अापका मूल निवास स्थान सादड़ी मारवाड़ है । आप कुशल व्यवसायी होने के साथ २ एक सुधारक विचार वान उत्साही सज्जन हैं। कई सार्वजनिक संस्थानों में आपने अच्छे पदों पर काम किया है । सादड़ी के शुभ चिन्तक जैन समाज तथा आत्मा.न्द जैन विद्यालय और जैन पुस्तकालय के अर्म तक मन्त्री रहे । अ० भा० श्वेताम्बर कान्प्रोन्स और वरकाणा विद्यालय के माननीय सदस्य है । इस प्रकार सार्वजनिक कार्यो में आप पूर्ण दिल चस्पी रखते है । आपके सुपुत्र श्री चांदमल जी शिक्षा ग्रहण कर रहे maithun ... . Dukha.. .... .. ::7:7.. 1A . vie ANAAD -: . in - 4.-. KE. 2.vir ..... ★श्री सेठ सुखराजजी ललवाणी-वैताल पेठ, पना जन्म सं० १६५८ में हुआ ! श्रापका | सार्वजनिक कार्य उत्साह जनक है। प्रापके लघु भ्राता केशरीमलजी धार्मिक मनोवृति के सजन है पाप गोड़ी. पार्वनाथजी के मन्दिर, श्री जैन श्वेताम्बर दादाबाड़ी के एवं जैन सहायक फरड के गैजिग दन्टी है इसके अतिगित और भी कई सामाजिक सभा संस्थानों के नाम एवं रोटरी इनन्ने छोटे श्री मोहनराजजी प्रापने गम, बी. बी. एस. पान दर पूना में अपनी प्रेमिटस कर रहे हैं। मारक सुरेशकुमार और प्रशोकमा नामक दो पुत्र । लास्टर माइव के छोटे भाई श्री कान्ति : . . ... I .. LIFE VIE . . .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy