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________________ जैन-गौरव-स्मृतियाँ भाव है। आप सफल व्यवसायी, शिक्षा प्रेमी एवं जातीय सेवक सज्जन है । स्थानीय समाज में एवं ओसवाल समाज में आपकी अच्छी प्रतिष्ठा है। श्री मिश्नीलालजी के प्रेमचन्दजी १७ वर्ष और केशरीमलजी १३ वर्ष नामक दो पुन्न है ज अभी अध्ययन कर रहे हैं। .. आपके यहां-"श्री छगनलाल मिश्नीलाल" "श्री मिश्रीलाल प्रेमचन्द" एवं श्री मिश्रीलालजी बाफरणा के नास से फर्म मिन्न २ व्यवसाय में यथा किराना, खाहत, कमीशन एजेन्ट में प्रवृत है । पत्थर की खानों का भी आपने ठेका ले रक्खा है तथा बड़े रूप में आपके यहां खेती बाड़ी भी होती है। . *सेठ ऋषभकुमार जी, बी. ए. खुरई आप स्वर्गीय राय बहादुर श्रीमंत सेठ मोहनलालजी के दत्तक पुत्र हैं । जन्म ३० सेप्टेम्बर सन् १६२२ में हुआ श्राप ८० गांव के जमीं दार तथा वेंकर और करोड़पति हैं। जैन समाज के एक मुख्य तथा प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। श्राप "अखिल भारतीय दिगंबर जैन परवार सभा" के सभापति हैं । कई धर्मार्थ शिक्षा संस्थाओं जैसे पार्शवनाथ जैन गुरुकुल, . . खुरई को सफलतापूर्वक चला रहे है । समाज सुधारक है। कांग्रेस के कट्टर समर्थक हैं। आप .. सरकार के अधिक अन्न उप जाओ" आन्दोलन में पूर्ण सह । योग दे रहे है । इस अंतरगत १०.० एकड़ का चक बना कर यांत्रिक कृपि फार्म बनाया. है। जहाँ सारे कृषि कार्य यंत्रों से किये जाते हैं * सेट सवाईसिंहजी भैयालालजी गुर-खुर्रई दिगम्बर जैन श्री सवाईसिंहजी गणपतलालजी भक्त एवं धर्म के प्रतिअविचल श्रद्धा वाले सज्जन है । आपके सुपुत्र मैयालालजी का जन्म सं० १६७२ जेष्ठ मास में हुया । आप भी अपने पिताजी के तुल्य धार्मिक कार्यों में पूर्ण निष्ठा वाले सज्जन CARK heroan " '. " .. . .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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