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________________ ३९४ % A . श्रीदशवकालिकसूत्रे : 'अणुन्नए' 'नावणए' इत्येताभ्यामीर्यायतनाऽहकारवर्जनदैन्यराहित्यानि मुचितानि । 'अप्पहिढे' इत्यनेन माध्यस्थ्यं वोधितम् । 'अणाउले' इतिपदेन साधो रसलोलुपत्वं निराकृतम् । 'जहाभागं' इत्यनेन च यत्र यस्येन्द्रियस्य विषयप्राप्तिस्तत्र तस्यैवदमनं वास्तविकमिन्द्रियदमनं, न तु दर्शनविषये कर्णपिधानमित्यादि बोध्यम् ॥१३॥ मूलम् दवदवस न गच्छेज्जा, भासमाणो य गोयरे। "૧૦ ૯ ૧૧ हसंतो नाभिगच्छेज्जा, कुलं उच्चावयं सया ॥१४॥ छाया-द्रुतद्रुतस्य न गच्छेत्, भापमाणश्च गोचरे। ___ हसन् नाभिगच्छेत्, कुलमुच्चावचं सदा ॥१४॥ सान्वयार्थः-गोयरे-भिक्षाचरीमें (साधु) दवद्वस्स-अति शीघ्रतासे दड़वड़र दौड़ता हुआ य-तथा भासमाणो-बोलता हुआ न गच्छेज्जा नहीं चले (और) हसंतो-हँसता हुआ भी नाभिगच्छेजा नहीं जावे, (तथा) उच्चावयं= उच्च-द्रव्यसे सप्तभूमिक महलोंवाले, भावसे-धन-धान्यादिसे समृद्ध, नीच-द्रव्यसे घासफूसकी झोपडीवाले, भावसे धन-धान्यादिरहित कुलं-कुलमें सया-हमेशा जावे। (२श्रु.१अ.२उ.) आचाराङ्गमूत्रमें बताये हुए सब कुलोमें भिक्षाके लिए जावे 'अणुन्नए' और 'नावणए' इन दो पदोंसे ईयाकी यतना, अहकारका परिहार और दीनताका त्याग सूचित किया है। 'अप्पहिडे' पदसे मध्यस्थता प्रगट की है। 'अणाउले' पदसे साधुकी रसलोलुपताका निराकरण किया है । 'जहाभागं' पदसे यह प्रदर्शित किया है कि जहाँ जिस इन्द्रियका विषय उपस्थित हो वहाँ उसका दमन करना ही वास्तवमें इन्द्रियमन कहलाता है, किन्तु चक्षुइन्द्रियका विषय उपस्थित होनेपर यदि कान मूंद लिए जायँ तोइन्द्रिय-दमन नहीं कहलासकता, इत्यादि।॥१३॥ अणुन्नए मने नावणए ये मे शाथी ध्यानी यतन मन परिહાર અને દીનતાને ત્યાગ સૂચિત કર્યો છે કે શબ્દથી મધ્યસ્થતા પ્રકટ 3री छ. अणाउले २०४थी साधुनी सखोदुयतार्नु निरा४२५ यु छ जहाभागे શબ્દથી એમ પ્રદર્શિત કર્યું છે કે જ્યાં જે ઈદ્રિય વિષય ઉપસ્થિત હોય ત્યાં તેનું દમન કરવું એજ વસ્તુત. ઈદ્રિયદમન કહેવાય છે, કિત ચક્ષ ઈન્દ્રિયને વિષય ઉપસ્થિત થતા જે કાન સંકેચવામાં આવે છે તે ઈદ્રિયદમન કહેવાતું नथी इत्यादि. (१३)
SR No.010497
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages623
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size28 MB
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