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________________ - - - - २४४ श्रीदशवैकालिकसूत्रे स्वयं मृषा वदामि नैवान्यैर्मृषा वादयामि, मृषा वदतोऽप्यन्यान् न समनुजानामि । यावज्जीवया त्रिविधं त्रिविधेन मनसा वाचा कायेन न करोमि न कारयामि कुर्वन्तमप्यन्यं न समनुजानामि । तस्माद् भदन्त ! प्रतिक्रामामि निन्दामि गर्दै आत्मानं व्युत्सृजामि। द्वितीये भदन्त ! महाव्रते उपस्थितोऽस्मि (अतः) सर्वस्मात् मृषावादाद्विरमणम् ॥९॥ ____ (२) मृषावादविरमण. सान्वयार्थः-भंते! हे भगवन् ! अहावरे इसके बाद दोचे-दूसरे महब्वए महाव्रतमें मुसावायाओ-मृपावादसे वेरमणं-विरमण होता है (अतः मैं) भंते! हे भगवन् ! सव्वं-सब प्रकारके मुसावायं मृषावादका पञ्चक्खामि त्याग करता हूँ। से अथ-अब से लेकर मैं कोहावा क्रोधसे लोहावा लोभसे भयावा भयंसे हासावा हास्यसे सयं-खुद मुसावायं असत्य नेव-नहीं वइज्जाबोलूंगा, नेव-नअन्नेहि-दूसरोंसे मुसं-असत्य वायाविजा=बोलाऊँगा, मुस-असत्य वयतेवियोलते हुएभी अन्ने दूसरोंको न समणुजाणिज्जा-भला नहीं जानूंगा। जावजीवाए जीवनपर्यन्त (इसको)तिविहं-कृत-कारित-अनुमोदनारूप तीन करणसे (तथा) तिविहेणं-तीन प्रकारके मणेणं-मनसे वायाए वचनसे काएणं कायसे न करेमि=न करूँगा, न कारवेमि-न कराऊँगा, करतंपि-करते हुएभी अन्नं-दूसरेको न समणुजाणामि-भला नहीं समझूगा । भंते ! हे भगवन् ! तस्स-उस दण्ड से पडिकमामिपृथक होता हूँ, निंदामि आत्मसाक्षीसे निन्दा करता हूँ, गरिहामि-गुरु साक्षीसे गर्दा करता हूँ, अप्पाणंदण्ड सेवन करनेवाले आत्माको वोसिरामि-त्यागता हूँ, भंते ! हे भगवन् ! दोचे-दूसरे महब्बए महाव्रतमें उवडिओमि-उपस्थित हुआ हूँ, इसलिये मुझे सव्वाओ-सव प्रकारके मुसावायाओ-असत्यसे वेरमणं-त्याग है ।।९।। (२) (२) मृषावाविरमणव्रतम् । टीका-अध-प्रथममहावतानन्तरं हे भदन्त ! हे भगवन् ! अपरे-समनन्तरोदीरितमहाव्रतापेक्षया भिन्ने द्वितीये महावते मृपावादा-मिथ्याभापणात् 'विरमण' (२) मृषावादविरमण । हे भगवन् ! प्रथम महाव्रतके अनन्तर दूसरे महाव्रतमें मृषावादसे (२) भृपावादविरमा.. હે ભગવન્! પ્રથમ મહાવ્રતની પછી બીજા મહાવ્રતમા મૃષાવાદથી વિરમણ
SR No.010497
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages623
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size28 MB
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