SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १३ श्री उपासकदशाङ्ग सूत्र परत्वे जैन समाजना अग्रगण्य जैनधर्मभूषण महान विद्वान संतोए तेमज विद्वान श्रावकोए सम्मतिओ समर्पी छे तेमना नामो नीचे प्रमाणे छे. (१) लुधियाना - सम्वत् १९८९, आश्विन पूर्णिमा का पत्र, श्रुतज्ञान के भंडार आगमरत्नाकर जैनधर्मदिवाकर श्री १००८ श्री उपाध्याय श्री आत्मारामजी महाराज, तथा न्यायव्याकरणवेत्ता श्री १००७ तच्छिष्य श्री मुनि हेमचन्दजी महाराज. (२) लाहौर - वि० सं० १९८९ आश्विन वदि १३ का पत्र, पण्डित रत्न श्री १००८ श्री भागचन्दजी महाराज तथा तच्छिष्य पण्डित रत्न श्री १००७ श्री त्रिलोकचंदजी महाराज. (३) खिचन से ता. ९ - ११ - ३६ का पत्र, क्रियापात्र स्थविर श्री १००८ श्री भारतरत्न श्री समरथमलजी महाराज. (४) वालाचोर - ता. १४-११-३६ का पत्र, परम प्रसिद्ध भारतरत्न श्री १००८ श्री शतावधानीजी श्री रतनचन्दजी महाराज. (५) बम्बई - ता. १६ - ११ - ३६ का पत्र, प्रसिद्ध कवीन्द्र श्री १००८ श्री कवि नानचन्द्रजी महाराज. (६) आगरा-ता. १८-११-३६, जगत् वल्लभ श्री १००८ श्री जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज, गुणवन्त गणीजी श्री १००७ श्री साहित्यप्रेमी श्री प्यारचन्दजी महाराज. (७) हैद्राबाद (दक्षिण) ता. २५-११- ३६ का पत्र, स्थिवरपदभूषित भाग्यवान पुरुष श्री ताराचन्दजी महाराज तथा प्रसिद्ध वक्ता श्री १००७ श्री सोभागमलजी महाराज. (८) जयपुर - ता. २६ - ११-३६ का पत्र, संप्रदाय के गौरवर्धक शांतस्वभावी श्री १००८ श्री पूज्य श्री खूबचन्दजी महाराज. (९) अम्बाला - ता. २९ - ११ - ३६ का पत्र, परम प्रतापी पंजाब केशरी श्री १००८ श्री पूज्य श्री रामजी महाराज.
SR No.010497
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages623
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy