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________________ दिगम्बर जैन डाइरेक्टरी। -- -------- -- ------ जैनमदिराको जैनियोजनियाकी जनसभा, जैन पा. प्रामका नाम "ठगाला तथा अन्य धर्मगात्रोंकी संध्या । गृह मन्या । ; मनुष्य धर्मादा साता व नल्या संख्या गैरः है या नहीं. डारमाना. + + + + + + शाहापुर + जमुनिया १ चैत्यालय/१ परवार बन्डा जमुनिया १ चैत्यालय १ परवार बटखेडा ( जबलपुर) जमुनिया + २ परवार । ५ (जबलपुर) जयपुर + १ गंगेरवाल १ + कारंजालाट जयपुर १६२शि० ब०१७१४खं०.६००० शिक्षा प्रचारक यहां शास्त्र जयपुर सिटी ३७०, i६ चैत्यालय १४४ अन० ५०३ समति, ३दि० हजारहा है। १८ नसियां ५ श्रीमाल | २१ जैन सभाएं, पं- और अनेक चायती व बड़े बडे २ म२मंदिरोमं शा-दिरोंमें में न्त्र सभाएं,वर्ध- डार है; लेमान विद्यालय, किन सूची महापाठशाला, तैयार नहीं सरस्वती कन्या है। शाला इस प्रकार लड़कोकी ५ पाठशालाए और इसी तरह ५ लडकियोंकी मी ५ पाठशालाएं है। पढ़ाई अच्छी होती है। धर्मशालाए व अनाथालय + | जयपुर जयपुर ३७१ जयरामपुरा १ शिखरवदा खंडेलवाल १८ जयसिहपुरा १ शिखरबंद + + २दर्शनस्था. ३७१ + धर्मशालाएंहे। + | उज्जैन यहां कोई जैनी नहीं रहते पूजन प्रक्षालके लिये
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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