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________________ २९७ मध्यप्रदेश । पक्का रास्ता है और यहाँसे सिद्धवरकूटजी १॥ मील जगह है। यहांपर नर्मदा और कावेरीका संगम हुआ है बाद फिर अपनी २ शाखा फूटकर जुदी २ वहती गई हैं। यहाँ दरिया नर्मदाके किनारे पहाड़ीपर एक बहुत पुराना ओंकारजीका मंदिर है। जिलेका सबसे बड़ा मेला कार्तिक सुदी पौर्णमासीके दिन इस मन्दिरपर होता है। ओंकारजीमें एक धर्मशाला भी है । और जैन दिगम्बर आम्नायका गृह सिर्फ १ है। कटनी। यह नगर जिला जबलपुरमें बंगाल नागपुर, ईस्ट इन्डियन रेलवे और जी. आई. पी. रेलवे के संगमपर बसा हुआ है। यहांकी आवादी करीव १४००० है जिसमें जैन दिगम्बर आम्नायकी संख्या १७६ है । दिगम्बर आम्नायके यहांपर गृह ३८ तथा छह शिखरवन्द मन्दिरजी हैं उनमें अनुमान एकसौ १०० धर्मशास्त्र हैं और उक्त आम्नायकी एक धर्मशाला भी एक मंदिरके पास है। यहांपर जैन पाठशाला है जिसका कार्य अच्छा चलता है.। पाठशाला और वोर्डिङ्गके लिये पंचोंने एक अच्छा मकान भी बना दिया है। कटनीमें गले, अनाज, तेलके बीज, धीऊ, लाहा और चूनाका व्यापार वहुत अच्छा होता है विशेषकर यह नगर अनाजकी बड़ी मण्डी है। यहां एक रंग भी तयार होकर बाहर जाता है। . स्टेशनपर पहले और दूसरे दर्जेके मुसाफिरोंके वास्ते एक छोटासा वेटिंगरूम है और शहरमें एक बड़ी सराय है । . करेली। . ___ यह ग्राम जिला नरसिंहपुर (जबलपुर) में जी. आई. पी. रेलवेका खास स्टेशन है। स्टेशनपर पहले दूसरे दर्जेके मुसाफरों के लिये देटिंगरूम और स्टेशनके पास डाकबंगला और सराएँ हैं। करेलीसे ९ मील सागरकी सड़कपर वीरमान गांवमें नवम्बर और दिशंवरमें या उन महीनोंमें कार्तिक सुदी पूर्णिमाके मौकेपर यात्री आते हैं। यह मेला १५ दिन रहता है और इसमें व्यापारभी वहुत होता है । यहांपर दिगम्बर जैनियोंके गृह १२ हैं : और मनुष्यसंख्या ८५ हैं और एक मन्दिरजी शिखरवन्द है जिसमें अनुमान १५ धर्मशास्त्र हैं।
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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