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________________ : 6: निकटवर्ति ग्राम जिननाथपुर यह श्रवणबेलगोल से एक मील उत्तर की ओर है । ( शातिनाथवस्ति) यहाँ की शान्तिनाथबस्ति होय्सल-शिल्पकला का बहुत सुन्दर नमूना है। शातिनाथ की साढ़े पाँच फुट ऊची मूर्ति बड़ी भव्य और दर्शनीय है । यह वस्ति मैसूर राज्य भर के जैन-मन्दिरो में सबसे अधिक आभूषित है । अरेगलबस्ति ग्राम के पूर्व में अरेगलवस्ति नाम का एक दूसरा मन्दिर है । यह शातिनाथवस्ति से भी पुराना है । इसमे पार्श्वनाथ भगवान् की सप्तफणी, प्रभावलीसयुक्त पाँच फुट ऊची पद्मासन मूर्ति है । एक चट्टान ( अरेगल) के ऊपर निर्मित होने से ही यह मन्दिर अरेगलवस्ति कहलाता है । मंदिर में चतुर्विंशति तीर्थङ्कर, पचपरमेष्ठी, नवदेवता, नन्दीश्वर आदि की धातुनिर्मित मूर्तियां भी है। ग्राम की नैऋत दिशा में एक समाघिमण्डप है । इसे शिलाकूट कहते हैं । हेलेबेलगोल यह ग्राम श्रवणबेलगोल से चार मील उत्तर की ओर है । यहाँ का होय्सल - शिल्पकला का बना हुआ जैन मंदिर ध्वस्त
SR No.010490
Book TitleShravanbelogl aur Dakshin ke anya Jain Tirth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajkrishna Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages131
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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