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________________ विजयनगर साहास ९ मझम् शासक राहि . विजय पवार उसका पुत्र देवार द्वितीय विश्पनरको सपासिंहासना सन् १९२१० में बालन हुमाया। देवराया विजयनगर रायस गोम्प और विस्तार बढ़ाया था। उस - मत दक्षिण भारत में काके समीपसक फैला हुमाया। भारफारका भार उसके भाईको और शेष दक्षिणका गज्यकार्य उसके मंत्री को सौंपा गया था। एक मावश शासक वा । शासनकालमें संगमकी देशकी विशेष मातिईबी। ऐसा स हिान् थे मोर पंखो नाममदाता का। बाके - दुखका. उसे पूरा ध्यान था। उसने राज्यमें पति वैवाहिक चन्द कर दिया था और खेतीकी अतिके लिये नहरें खुदवाई थीं। शिक्षा प्रचार के लिये भी देवरायने दान दिये थे। उनके प्रमुख राममंत्री रूगप्प जैन और उनोंने विजयनगर राज्यको शक्तिशाली जमाने में पूरा माग लिया था। युद्ध और शासनप्रबन्ध। देशक प्रत्येक न्दूिको विषयमा राज्यकी मुसम्मानों द्वारा सटकीवी-बहमनी शासकोंसे हारकर पियन समानोंको बाब सन्धि करना की दी। जनताके इस दुखको सपने की चीना मोर पानी बोरीको की दो पहियामा म RREARS TRोरपात सेना के गये किरिन सैनिकोको पात बानका पुस्तकालय
SR No.010479
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages171
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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