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________________ (२०) स्साइजै० स्टडीज इन साउथ इडियन जैनिज्म प्रो० रामास्वामी मायगर । ससू० सम्राट अकबर और सूरीश्वर-मुनि विद्याविजयजी (आगरा)। सक्षदाएइ०-सम क्षत्री दाइन्स इन एन्शियन्ट इंडिया-डॉ० विमलाचरण ला०। साम्स० साम्स आफ दी ब्रदरेन । सुनि०-सुत्तनिपात (s. BE.)। हरि-हरिवंशपुराण-श्री जिनसेनाचार्य (कलकत्ता)। हॉजै० हॉर्ट ऑफ जैनीज्म मिसेज स्टीवेन्सन (लंदन)। हिआइost हिमारूइ हिस्ट्री ऑफ दी आर्यन रूल इन इंडिया-हैवेल। हिग्ली०=हिस्टोरीकल ग्लीनिन्गस-डॉ. विमलाचरण लॉ०। हिटे-हिन्दू टेल्स-जे. जे. मेयर्स । हिड्राव हिन्दू ड्रामेटिक व विलसन् । हिप्रीइफि०-हिस्ट्री माफ दी प्री-बुद्धिस्टिक इंडियन फिलासफी बारुमा (कलकत्ता)। हिलिनै हिस्ट्री एण्ड लिट्रेचर ऑफ नीज्म-बारोदिया (१८०९)। हिवि०-हिन्दी विश्वकोष नागेन्द्रनाथ वसु (कलकत्ता)। क्षत्रोक्लेन्स क्षत्रीक्लेन्स इन बुद्धिष्ट इडिया-डा० विमलाचरण लॉ०।
SR No.010472
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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