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________________ (१०) कलिगमें जैनधर्म । (४) गुप्त साम्राज्य व जैनधर्म८८ खारवेलका अतिम जीवन। गुप्तवंशका चन्द्रगुप्त प्रथम । खारवेलका गर्दभिल्ल वश है। समुद्रगुप्ता उडिया ग्रन्थों में खारवेल। चन्द्रगुप्त द्वितीया संवतवार विवरण। चीनी यात्री फाह्यान । चन्द्रगुप्त और जैनधर्म। (३) अन्य राजा व जैनधर्म....५७, गुप्तवंशके मंतिम गजा। तत्कालीन जैनधर्म । गुप्त राज्यकी भवनति । अहिच्छत्रके वंशमें जैनधर्म। तत्कालीन धर्म व साहित्य। मथुराका नागवंश और जैनधर्म ।। दिगम्बर जैन सव। पाचाल राज्यमें जैनधर्म । वगकलिगमें जैनधर्म। कोसाम्बी राज्यमें जैनधर्म। गुप्तकालकी कला । जैन राजा पुष्पमित्र। उस समयके व्यापारी। राजा विक्रमादित्य। हण राज्य। विक्रमादित्य व जैनधर्म। यशोधर्मा। विक्रम संवत्। (५) हर्षवर्धन व हुएनत्सांग-१०४ विक्रम व वीरसवत्। हर्षवर्धन | दिगम्बर श्वेताबर सघभेद। धार्मिक उदारता । दि० जैन संघ व उसके प्रभेद ।। सामाजिक परिस्थिति । दि० मतानुसार श्वे.की उत्पत्ति। चीनी यात्री हुयेनत्साग । तत्कालीन जैनधर्म। तत्कालीन शिक्षाप्रणाली। उपजातियोंकी उत्पत्ति। (६) गुजरातमें जैनधर्म और श्वे अमवाल वैश्य जाति। आगम ग्रंथोंकी उत्पत्ति-११२ खडेलवालकी उत्पत्ति। प्रा० गुजरातमें जैनधर्म । ओसवाल जातिका प्रादुर्भाव ।। इतिहासकालमें गु०का जैनधर्म ! लम्बकंचुक जातिका जन्म। | मध्यकालमें गु० में जैनधर्म ।
SR No.010472
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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