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________________ कोसम ग्राम बसता है और आवश्यक सूत्रमें लिखा है कि कोशांबी नगरी यमुना नदी के कनारे पर है जेठा मूढमति लिखता है कि कोशांबी दक्षिण देश में समुद्र के कनारे पर है, यह कोशांबी कौन से ढुंढक ने वसाइ है ? इससे तो अंग्रेज सरकार की ही समझ ठीक है कि जिन्होंने भी कोशांबी प्रयाग के पास ही लिखी है; इस वास्ते जेटे का लिखना सर्व झूठ है शेष अर्थ भी इसी तरह झूठे हे ॥इति ॥ (३) प्रतिमा की स्थिति का अधिकार। तीसरे प्रश्नोत्तरमें जेठेने " प्रतिमा असंख्याते काल तक नहीं रह सक्ती है" तिस पर श्रीभगवती सूत्रका पाठ लिखा है, परन्तु तिस पाठ तथा अर्थ में बहुत खोट हैं ; तथा-इस लेखसे मालूम होता है कि जेठा महा अज्ञानी था, और- दही के भुलावे कपास खाता था क्योंकि हमतो प्रतिमा का असंख्याते काल तक रहना देव साहाय्यसे मानते हैं, और श्रीभगवती सूत्र में जो स्थिति लिखी है सो देव साहाय्य बिना स्वाभाविक स्थिति कही है, और देव शक्ति तो अगाध है। ___ और ढुंढियेभी कहते हैं कि चक्रवर्ती छी खंड साधके अहंकार युक्त होके ऋषभकूट पर्वत ऊपर नाम लिखनेके वास्ते जाता है, वहांतिसपर्वत पर बहुतसे नाम दृष्टिगोचर होनेसें अपना अहंकार उतर जाता है;पीछे एक नाम मिटाके अपना नामालखता है अब विचार करो,कि भरत चक्री हुआ तब अठारी कोटाकोटि सागरो 'पमका तो भरतक्षेत्र में धर्म विरह था, तो इतने असंख्याते काल पहिले हुए चक्रवर्तियोंके कृत्रिम नाम असंख्याते काल तक रहे तो
SR No.010466
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1903
Total Pages271
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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