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________________ आवश्यक नियम इनके पालन से आत्म-कल्याण के साथ-साथ __ जीवनचर्या मे भी उत्थान होता है । (१) प्रतिदिन देव-पूजन, शास्त्र-स्वाध्याय व गुरु-भक्ति करें। (२) रात्रि भोजन व अभक्ष्य पदार्थों का भक्षण नही करें। (३) २४ घण्टे मे कम से कम १५ मिनिट स्व-चिन्तन करें । (४) चिन्तन द्वारा दिन भर मे हुई गलतियो का पश्चाताप करें। (५) चमडे की वस्तुओ का प्रयोग न करें। (६) अफीम, भाग, तम्बाखू आदि मादक द्रव्यो का प्रयोग न करें। (७) अनैतिक कार्य न करे व हित-मित-प्रिय वचन बोले । (८) नगदी, सोना, चांदी, जायदाद आदि की मर्यादा निश्चित करें। (९) विकथाओ ( स्त्री, राज्य, चोरी, भोजन ) मे अपना समय नष्ट नही करे। (१०) अपनी आय का कम से कम १/१० हिस्सा दान के कार्यों मे लगाये। (११) अष्टमी, चतुर्दशी या महीने में कम से कम १ उपवास या एकाशन करें। (१२) आहार के लिये हरी सब्जी, अनाज, फल आदि की गिनती कर नियम ले लें।
SR No.010455
Book TitleJain Pooja Path Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages481
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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