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________________ ( ७७ ) सुन्दर नाम नागरी लिक्खो प्रियवर मोतीदत्त । अंग्रेजी में लिक्खा जावे डीयर मोटीडट्ट।। सकल भाषाओं० ॥६॥ इंगलिश के स्पेलिंग देखकर क्यों ना हांसीआये । वी य टी तो वठ हो किन्तु पी यू टी पट होजावे ।। सकल भाषाओं में रे० ॥७॥ मुद्दत से यह संस्कृत भापा मुरदा हुई थी सारी । पुनः जीवित कर गये इसको अकलंकदेव निस्तारी ।। सकल भाषाओं में रे० ॥८॥ (डामा बाल विवाह) फर्ता-मेरे भाई का ब्याह मेरे भाई का ध्याह, चलकर खुशी मनाऊंगा अाज, मेरे भाई का व्याह । टेक ।। (दोहा) मामी मौसी मिल सभी, करत सुमंगल गान गीत नृत्य के रंग में, सब घर है इक तान ।। मेरे भाई० ॥ विरोधी-मुख तेरा खुश दीखता, अरु प्रमुदित सब गात । भ्रात वेता दे क्या हुई, आज खुशी की बात ॥ तेरे भाई का व्याह तेरे भाई का ब्याह चलकर खुशी मनायेगा आर ।। २ ।। कर्ताहां भ्राता जी सत्य है, आनंद कारण आज । मेरे प्यारे भ्रातका, हुअा व्याहका साज ।। मेरे०॥३
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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