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________________ भारतवर्ष में एक मात्र दिगम्बर चित्रो को तीन रंगमें छापकर प्रकाशित करने वाला सञ्चा जिनवाणी संग्रह सम्मेद शिखर जी द्रव्यसंग्रह (सचित्र) पावापुरी । म्हढाला (सचित्र) गिरनार जी छहढाला को कुखी चंद्रगुप्तक १६ स्वप्न रत्नकरन्डावकाचार सार्थ || सीताकी अन्नि परिक्षा श्रावकाचारकी कहानियां । नेमप्रभूका विवाह कुमारी अनन्तमती (काव्य) समोशरण की रचना अरहंतपासा केवली - बारहमासा संग्रह -॥ राजगृही सम्मेदशिखर विधान मधुविन्दु दरशवत नाटक पटलेल्या माताकं स्वप्न विजातिय विवाह मीमांसा ||DJ भरतचक्रवर्तीक स्वप्न प्रद्युम्न चरित्र (सचित्र) कमठका उपसर्ग छप रहा है न्यो० ३) द्रौपड़ी चीरहरण पुन्यात्रव कथा कोष ४ तीर्थङ्कर चित्रावली वड़वानी = ست
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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