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________________ २०८ पुरातन-जैनवाक्य-सूची पंचसहस्सा छापिय- तिलो० ५० ७-१६६ पंचाण मेलिदाणं पंचमहस्मा जोयण- तिलो० ५०४-२८४० पचाणुब्बय जा धरह पचसहस्सा जोयण- तिलो०५०७-१६० पंचागुव्ययधारी पंचसहस्साणि दुवे तिलो०प०७-२७१ पचादिपचवधो पचसहस्साणि पुढं तिलो० ५०४-११३४ पंचादो अट्ट पचयं पंचसहस्सा तिसया तिलो० ५०४-१६२६ पचादी वहि जुदा पंचसहस्प्ता तिसया तिलो. प०७-२७२ | पंचावत्थजुषो से पचसहस्सा दसजुद- तिलो० ५० ५-१६७ पंचावत्था देहे पंचसहस्सा दुसया तिलो०प०७-५८३ पंचासा तिरिण सया पंचसहस्सा[णि] पण तिलो० ५०७-५३३ / पंचासीदिसहस्सा पचसहस्सा[]ि पण- तिलो०प०७-४४७ पचाहुट्टिगिरज्जू पंचसहस्सा बेसय गो० फ० १०४ । पंचिदिएसु ओघं पंचसहस्सेक्कसया तिलो० ५०७-२०१ पंचिंदिओ असरणी पंचसंघादणाम फम्मप० ७१ | पचिदियतिरियाणं पंचसु कल्लाणेसुं तिलो. १०३-१२२ | पंचिंदियतिरिएसुं पचसु चअप वोसा कसायपा० ३५ | पंचिांदयसजुत्तं पंचसु ठाणेसु जिणे(णो) जंवू० ५० १३-६४ | पंचिंदियसंजुत्त * पंचसु थावरकाए पघसं० ५-६ पंचिंदिया असएणी पंचसु थावरकाए पचस०४-२५ पंचसु थावरकाए पचसं०५-४२८ पंचत्तरसत्तसया पंचसु पज्जत्तेसु य पसं०५-२६३ पंचवरसहियाई पंचसु भरहेसु तहा जबू० प० २-२०२ पंचुंबरसहियाई पंचसु महबएसु य छेदपिं० १८५ पंचुंवरहं सिवित्ति जसु पंचसु महत्वदेसु य मोक्खपा० ७५ | पचुंबरादि खायदि पंचसु मेरुसु तहा वसु० सा० ५०८ | पंचेक्फारसबावीसपंचसु वरिसे सु] एदे(गदे) तिलो०५० ७-५३७ / पंचेक्कारसवावीसपचसु वरिसेसु गदे तिलो० प० ७-५३३ / पंचेदे पुरिसवरा पचहें पायकु वसि करहु परम० प० २-१४० | पंचेव अणुव्व(व)याई पंचहाचारपंचगिसंसाया पचगु० भ० ३ | पचेव अस्थिकाया पंचहिं बाहिरु पोहडउ पाहु० दो० ४५ पंचेव अस्थिकाया पंचाइल्ला संता पंचसं० ५-४६५ पंचेव उदयठाया पंचाचारसमग्गा णियमसा० ७३ | पंचेव जोयगासदा पंचाचारसमग्गो जंबू० ५० १३-१५६ | पचेव जोयणसया पचाणउदिसहस्सं तिलो० ५० ७-४११ पंचेव जोयणसया पंचाणउदिसहस्सं तिलो० ५० ७-६१० पंचेव जोयणसया पचाउदिसहस्सा तिलो० ५० ७-३०७ | पंचे। जोयणसया पंचाणदिसहस्सा जंब० ५० १०-४ पंचेवणुब्बयाई पंचापाउदिसहस्सा तिलो० ५० ७-४१२ | पंचेव मूलभावा पंचाणउदिसहस्सा जंबू०प०१०-२४ । पंचेव य रासीओ पंचाउदीभागं जंव० ५० १०-२६ | पंचव सहस्साई तिलो० ५० ४-१४८२ सावय० दो०१ कत्ति० अणु० ३३० गो० क.६५८ तिलो. प० २-६१ मूला. १९२० दव्वस० गय०१० दग्यस० गय०११ जवृ०प०३-१ तिलो०प०४-१२९६ विलो. सा. १३७ गो० क. १११ पंचस०४-४३१ पचसं०५-१३१ पंचसं०-१५४ पचप्स. -२६३ पचस०५-६ छेदस०१० तिलो. १०१-२६० तिलो० सा० ३०२ वसु० सा० २०१ वसु० सा." सावय० दो०. छेदपि० ३३३ गो० क. २०० गो० क. २८३ जंवू० ५० १-१३ वसु० सा० २०६ भ० श्रारा० १७१३ मूला० ५४ पंचस० ५-१०७ जंबू० प०२-३७ जंवू. ५०४-१२५ जनू०प०६-५६ जबू०प०६-६ जंबू०प०११-२२ चारित्तपा० २२ भावति० २८ जंबू०प०१२-८८ तिलो०प०७-११३
SR No.010449
Book TitlePuratan Jain Vakya Suchi 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1950
Total Pages519
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size33 MB
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