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________________ पुरातन-जैनवाक्य-सूची अपवाद भणियं अंगप० २-६५ वगउ परम०प०१-५५ अप्पपसंमणकरणं कत्ति० श्रणु०६२ ढाढमी. २१ अप्पपसंसं परिहर भ० श्रारा० ३५६ अप्पा झायहि एिम्मलर परम० ५० -६० अप्पामगो सलागा छेदपिं० २४२ / अप्पा मायंताणं मोरखपा. ७० अप्पप्रवृत्तिसंचिय पचसं० -७५ अप्पाण णाणमाणउझ रयण. १३५ अप्पवहुलम्हि भागे जबू०प० ११-१४२ , अपामारणा रुं समय. १८० अप्पमहड्ढियमज्मिम- तिलो. १०३-२४ अप्पाणमयाणंता समय०३६ अप्यमहड्ढियमझिम- तिलो. प० ३-२५ | अप्पारणमयाणतो समय० २०२ अप्पयदपयढचारी वेदपिं० १०४ अप्राणं जो गिदह कत्ति० श्रगु० ११२ अप्पविसिञ्ण गंगा तिलो० ५० ४-३०४ अप्पारण मार्यतो समय० १E अप्पसमाणा दिट्ठा तञ्चसा० ३० अप्पाणं पि चवंतं कत्ति० श्रगु० २६ अप्पसरूवह जो रमड जोगसाह अप्पाणं पि ण पिच्छइ रयण. अपसरूवं पेच्छदि णियम० १६५ अप्पाणं पिय सरणं कत्ति० अणु० ३१ अप्पसख्वं वत्) कत्ति० अणु० ६! अप्पाणं मरणता तिलो. प० २-२६६ अप्पसरूवालंबण णियम० ११६ अप्पाणं विणिवायंति छेदपि० २१ अप्पसहावि परिट्ठियहँ परम०प० १-१०० अप्पाणं विगु गाणं णियम. १७० अप्पसहावे जासु रइ परम० ए० २-३६ (वा०) अप्पा णाऊण गरा मोक्वपा० ६७ अप्पसहावे गिरी श्रारा० सा०१ | अप्पा णाणपमाणं दवस० गय०३८७ अप्पसहावे थक्को तच्चसा० ६२ / अप्पा गाणहँ गम्मु पर परम० ५० ५-१०७ अप्पहपरहपरंपरह परम०प०२-१५६ (वा०) अप्पा गाणु मुणेहि तुहुँ परम• प०१-५०१ अप्प जे वि विभिएण वढ परम०५० १-१०६ | अप्पा णिचोऽसंखिन समय० ३४२ अप्पहें णाणु परिचय वि परम०प० २-१५५ / अप्पा णिच्छरदि जहा भ० श्रारा० १४२ अप्प वधंतो बहु गो० क. ४६६ / अप्पा णिय-मणि णिम्मलउ परम०प० ५-६% अप्पं वधिय कम्म पंचस०४-२३० अप्पा तिविहपयारो णाणसा० २६ अप्पा अप्पइँ जो मुणइ जोगसा० ३४ अप्पा ति-विहु मुणेवि लहु परम० प० -१२ अप्पा अप्पर जइ मुणहि जोगसा० १२ अप्पा दमिदो लोएण भ. श्रारा०६१ अप्पा आगम्मि रओ मावपा०३१ अप्पा दंसणणाणमा पाहु० दो० ६६ अप्पा अप्पम्मि रो भावपा० ८३ / अप्पा दंसणि जिरणवरहें परम० प० -१८ अप्पा अप्पि परिट्ठियउ पाहु० दो० ६० अप्पा दसणु एक्कु परु, जोगसा० १६ अप्पा अप्पु जि पर जि परु परम० ५० १-६७ / अप्पा दंसणु केवलु वि परम० प०१-१६ अप्पाउगरोगिदया भ० श्रारा० ४६ } अप्पा दंसणु केवलु वि पाहु. दो० ६८ अप्पा उवोगप्पा पवयणसा०२-६३ अप्पा दंसगुणाणुमुणि जोगसा णाणसा०३५ अप्पाए त्रि विभाचियई अप्पा दियरतेओ पाहु० दो० ७५ णियम० १६२ अप्पा कम्मविवज्जियउ अप्पा परप्पयासो परम० प०१-१२ अप्पा केवलणाणमउ पाहु० दो० ५६ / अप्पा परहें ण मेलयउ परम० ए० २-५५० अप्पा गुणमउ णिम्मलउ परम०प० २-३३ अप्पा परहें ण मेलयउ पाहु. दो० ६५ अप्पा गुरुण वि सिस्सु ण वि परम०प०१-8 अप्पा परहें ण मेलयउ पाहु० दो० १८५ अप्पा गोरउ किएहु ण वि परम० प. ६-८६ पवयणसा० २-३३ अप्पा परिणामप्पा अप्पा चरित्तवंतो मोरखपा० ६४ ! परम०प०१-६६ अप्पा जणियउ केण ण वि परम० ५० ५-५६ / अप्पा पंडिउ मुक्खु ण वि परम० ५० ५-६१ हरइ
SR No.010449
Book TitlePuratan Jain Vakya Suchi 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1950
Total Pages519
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size33 MB
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