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________________ ६ - जीवदामन - सन् १७८ -रुद्रसिंह द्वि० - जीवदामनका चाचा- सन् १८१-१९६ इसके समयका एक गौड़ शिलालेख उत्तर काठियावाड़ के हालार स्थानमें पाया गया है | ( Indian Ant x 57) जिसमें एक कप खोदनेका वर्णन है। ?? (८) क्षत्रप सेन - रुद्रसिंह का पुत्र सन् २०३ से २२० मध्यका वर्णन नहीं । (९) क्षत्रप पृथ्वीमेन रुद्रसेनका पुत्र सन् २०२ (20) संघदमन २२२-२२६ (28) सेन का भाई २२६ - २३६ (१२) दामाजदश्री पुत्र रुद्रसेन २३६ (१३) वीरदमन दामसेनका पुत्र २३६-२३८ (१४) यशदमन भ्राता वीरदमन २३९ "" ** "" गुजरातका इतिहास । 13 "" (१५) .. विजयसेन दामाजद श्री वृ० विजयमेन २९०-२६५ (१६) (१७) रुद्रसेन द्वि० पुत्र वीरदमन २१६-२७२ (१८), विश्वसिंह पुत्र रुद्रसेन २७२-२७८ (१९), भर्तृदमन भ्राता विश्व० २७८-२९४ (२०), विश्वमेन पुत्र भर्तृ २९४ - ३०० चम्थमा वंशका अंत ७ वर्ष पीछे [ १८३ १५ ** २३९-२४९ (२१) क्ष० रुद्रसिंह पुत्र जीवदमनका सन ३०८-३११ में सिक्का कहता है। स्वामि जीवदान पुत्रसक्षत्रपस रुद्रसिंहस । (२२) क्ष० यशदमन पुत्र रुद्र० सन ३२०
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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