SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 12
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (८) कंपनीने पहले पहल इसी प्रांतमें सुरत, अहमदाबाद और केम्बेमें अपने कारखाने खोले थे । मुगलोंके समयमें हिन्दूराष्ट्रको पुनर्जीवित करनेवाला शेर शिवाजी इसी प्रांतमें पैदा हुआ था और वर्तमानमें राष्ट्रीय भावोंको जागृत करनेका अधिकांश श्रेय बम्बई प्रांतको ही है । इस प्रकार भारतीय इतिहासकी कई एक धारायें इसी प्रांतसे प्रारंभ होती हैं । भारतवर्ष के प्राचीनतम जैन, हिन्दू और बौद्धधर्मोका इस प्रांतसे घनिष्ट सम्बन्ध रहा है । बम्बई प्रान्तसे जैन, हिंदू और हिंदुओंका परम पवित्र तीर्थक्षेत्र, बौद्ध धोका पौराणिक कृष्ण महाराजकी हारिकापुरी इसी सम्बंध ! प्रान्तने और बनवायके समयके रामचन्द्र के अनेक ली स्थान जनम्थान आदि नासिकके आसपास इसी प्रांत के आन हैं। महात्मा कुटने अपने पूर्व गो कई बार प्रांत समारा आदि स्थानों जन्म लिया था। ईसाणे कई साली पूर्व इस प्रांत बौद्ध धर्मका नदार हो चुका था। यतः धर्म जहांले अब लुप्त हो गया है पर सती कीर्ति अक्षय बनाये के लिये इस प्रांतमें सैकड़ों मागील गुफायें आज भी विद्यमान है जो अपनी कारीगरीसे संसारको जाश्यान्वित कर रही हैं। अनन्टा, कन्हेरी, एलोरा, पीतलखोरा, भाजा आदि स्थानोंकी गुफायें तो संसारमें अपनी उपमा नहीं रखतीं। प्रति वर्ष दररसे हजारों देशी और विदेशी यात्री इन स्थानोंकी भेंटकर अपने नेत्र सफल करते हैं । जैन धर्मका तो इस प्रान्तसे असन्त प्राचीन और बहुत घनिष्ट सम्बन्ध है
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy