SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 103
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बेलगाम जिला। (१७) सादगी-अथलीसे पूर्व १३ मील, प्राचीन जैनमंदिर जो व्यवहार में नहीं आता व जीर्ण है। (१८) कागवाद- अथनीसे पश्चिम २२ मील एक पहाड़में खुदाई है वहां सुन्दर जैन मूर्ति है तथा एक मैनमंदिर है। (१९) रायबागप्राचीन नाम बागे या हवीनबागे बेलगामके देशी राज्योंमें एक नगर है। यहां संस्कृतमें शिलालेख है । इसमें पहले कृष्ण प्रथमका नाम है जिसने राहवंशको प्रसिद्ध किया । फिर राजासेन सेलेकर कार्तवीर्य चतुर्थ और मल्लिकार्जुन तक नाम हैं। इनका समकालीन यादव वंशका राजा रेव्वा या जो कोपनपुरका अधिपति था। इसमें उस दानका वर्णन है जो कार्तवीर्यदेवने शाका ११२४ को शुभचन्द्र भट्टारकदेवको किया, वास्ने राट्टोंके जैन मंदिरोंके लिये जिनको उसकी माता चंद्रिकादेवीने स्थापित किया था। यहीं दूसरा लेख नरसिंहसेठीके जैन मंदिरमें है । संस्कृतमें यह चालुक्य लेख है । (शायद) शाका १०६२ में नरसिंहसेठीके जैन मंदिरको महाराज जगदेकमल्लके राज्यमें दंडनायक दासिम रसुने दान किया ।
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy