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________________ 133 विशिष्ठ व्यक्तियो का संक्षिप्त परिचय लगभग सभी जैन ग्रन्थ तथा पुस्तके सम्मिलित थी तथा इनकी सख्या हजार तक थी । आप स्वय तो स्वाध्याय करते ही थे, साथ ही दूसरो को भी स्वाध्याय करने के लिए ग्रन्थ उपलब्ध कराते थे। आगरा से जयपुर चने जाने पर आपको यह लाइब्र ेरी बन्द करनी पड़ी, लेकिन आपके स्वाध्याय का क्रम कभी नही टूटा । जयपुर मे आप 'महावीर भवन' तथा 'पद्मपुरा क्षेत्र कमेटी' से सम्बद्ध रहे । प्रापने प० चैनसुखदास जी तथा डॉ० कस्तूर चन्द जी कासलीवाल के साथ भी काफी कार्य किया । आपने कई लेख भी लिखे, जिन्हे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओ मे प्रकाशित कराया । (5-29) मुनि श्री शान्तिसागर जी आपका जन्म वि सवत् 1972 में अलवर के अलावडा नामक ग्राम में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री छोटेलाल तथा माता का नाम श्रीमती चन्दन बाई था। आपको बचपन से ही जैन धर्म के प्रति विशेष रुचि थो। इसी कारण आपने 67 वर्ष की आयु मे प्राचार्य श्री निर्मलसागर जी महाराज से दिगम्बर दीक्षा ग्रहण कर ली। आज भी श्राप धर्मोपदेश देकर लोगो को कल्याण मार्ग पर लगा रहे है । (5-30 ) अन्य प्रभावशाली व्यक्ति उपर्युक्त व्यक्तियो के अतिरिक्त और भी बहुत से धार्मिक व्यक्ति समय-समय पर होते रहे हैं। आगरा के ब्रह्मचारी श्री रामचन्द जी, प रामनाथ जी ( दूध वाले), श्री रतनलाल जी मुनीम तथा श्री सूरजभान जी 'प्रेम' के नाम उल्लेखनीय है । अन्य लोगो में अलीगढ के हकीम कल्याण राय जी, ग्राम मई के पडित मानक चन्द जी, मथुरा के प, इन्द्रचन्द जी, ग्राम बहराइच के प. सुमेर चन्द जी, आगरा के श्री नेमीचन्द जी बरवासिया, अलीगढ के वैद्य रामलाल जी, फिरोजाबाद के गगाप्रसाद जी
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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