SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 157
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विशिष्ठ व्यक्तियो का सक्षिप्त परिचय 127 क्षाहँ न प्रकाशित हुई हो। अन्यथा आपने प्रत्येक जैन पत्रिकामो मे आपके लेख प्रकाशित हुये हैं । 'श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका' के अाप दो बार सम्पादक रह चुके हैं । पहले सन् 1925 में तथा फिर मन् 1984 से 1985-86 तक । आप एक वर्ष तक 'अमर भारती के भी सम्पादक रहे। ___आपकी लगभग सभी जैन विद्वानो से मुलाकात हुई है। तथा उनसे सामाजिक तथा धार्मिक चर्चाएं भी हुई है । प्राप आगरा की विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थानो से भी सम्बध रहै है। आप आगरा की कई जैनेतर सस्थाओ से भी जुडे हुये हैं। आगरा के महावीर दिगम्बर जैन इन्टर कॉलेज की स्थापना आपने ही वर्तमान भवन मे महावीर दिगम्बर जैन जूनियर स्कूल के रूप मे 22 अक्टूबर 1942 को कराई थी। 'आगरा अन्त. धर्म सस्थान' मे मन् 1974 से आप पक्रिय जुडे रहे है। वर्षों से आप आगरा के प्रार्य- विशप तथा मुफ्ती साहब से भी जुड़े रहे हैं । आप पल्लीवाल समाज के साथ माथ आगरा के भी माननीय सदस्य हैं । हम अापकी दीर्धायु को कामना करते है जिससे आप समाज को और अधिक मार्ग दर्शन प्रदान करते रहे। (5-23) श्री जैनेन्द्र कुमार जी___श्री जैनेन्द्र कुमार जी प्रेमचन्दोत्तर यग के श्रेष्ठ कहानीकार के रूप में विख्यात है। आपका जन्म अलीगढ जिले के कौडियागज नामक कस्बे मे सन् 1905 मे हुआ था। बाल्यावस्था मे ही आपके पिता की मृत्य हो गई, प्रत प्रापका पालन-पोषण मापकी माता और मामा ने किया। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा हस्तिनापुर के जैन गुरुकुल ऋषि ब्रह्मचर्याश्रम मे हुई। सन् 1919 मे आपने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया किन्तु सन् 1921 के अहयोग प्रान्दोलन में भाग लेने के कारण आपकी शिक्षा का
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy