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________________ कम्मई कर प्रयाणु मोक्खहर कारणु (कम्म) 2/2 (कर) व 3/1 सक (अयारण) 1/1 वि (मोक्ख) 6/1 (कारण)2/1 (एक्क) 1/1 वि (खण) 1/1 अव्यय अव्यय (चित) व 3/1 सक (अप्पाण) 2/1 =कर्मों को =करता है ज्ञानरहित -मोक्ष के =कारण -एक =क्षण नहीं =भी =विचारता है -आत्मा को खणु चित अप्पाण अगु जाणहि अप्पणउ घर परियणु तणु कम्मायत्तउ (अण्ण) 1/1 वि अन्य अव्यय मत (जाण) विधि 2/1 सक -जानो (अप्पण) 1/1 वि 'अ' स्वार्थिक-अपनी (घर) 2/1 -घर (परियण)2/1 -नौकर-चाकर (तण) 2/1 -शरीर (इट्ठ) 2/1 वि -इच्छित वस्तु को [(कम्म)+(आयतउ)] -कर्मों के अधीन [(कम्म)-(प्रायत्तत्र) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वार्थिक] (कारिमअ)1/1 वि बनावटी (आगम)7/1 -प्रागम में (जोइ) 3/2 -योगियो द्वारा (सिट्ठ) भूक 1/1 अनि -बताया गया (ज) 1/1 सवि (दुक्ख) 1/1 कारिमउ प्रागमि जोइहि सिट्ट 1 श्रीवास्तव, अपभ्रश भाषा का अध्ययन, पृष्ठ, 151 । । पाहुडदोहा चयनिका ] E 29
SR No.010431
Book TitlePahuda Doha Chayanika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1991
Total Pages105
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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