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________________ पाहुड-दोहा जोश्य भिगार झाय नुर्ह १२९ जोइय विसमी जोयगइ १८९. जोइय हियडइ जासण वि १६४. जोइय हियडइ जासु पर ७६. जोणिीह लखहिं परिभमइ ८, जो पई जोइ जोइया १७९. जो मुनि छेडिवि विसयगुह १६. हिन्दत होहि म इंदियह ४३. पगत्तनि जे गधिया १५४. जमिनो मितमलिणवर १४१. नवि गोरड ण वि सामल ३०, ण वि तुई कारणु कण वि २८. ण वि तुहं पंडित मुकण वि २७. जवि मुंजता विप्लयसुह ५. पाणतिडिको सिविस वड ८५. निच्चु गिराम गागम: ५५, जिनियसामो णिकंदलोयणो २.३.। मिक्स इत्थीवादिर ९९, तउ करि दद्दविहु धम्मु करि २०८. ताउ चूदउ थालु हउँ ३२. दव तनुशं मि सरीरबह १०१. तव दावणु वय भियना ११३. नाम कुरियर परिममइ ८०. नमंकगचियामा १४२. कसलीह दिन दिन८३. रिरित्य नमनयह किं १६२. स्त्यि तित्य मर्मत्यह सेना १७८. निमय भनेदि पद १६३. तिहुयणि दोसइ देट जिणु ३९. तुइ बुद्धि तडति जहि १८३, तुहे मणवावारे भग्गे तह २०४. तूसि म खसि म कोहु कार ९३. तोडिवि सयल वियप्पटा १३३. दयाविहीणउ घम्मडा १४७. दहाविह जिणवरभासियउ २०९. देखंताहं वि मूढ़ वढ १९६. देव दुहारी चिंत महु १८२. देवाल पाहणु तिस्थि जल १६१. देह गलंतह सत्रु गलइ १०३. देहमहेली एह वढ ६४. देहहि उभउ जरमरणु ३४. देहहो पिपिववि जरमरणु ३३. देहादेवाल जो वसइ ५३. देहादेवलि सिड वसइ १८६. धंधई पडियउ सयलु जगु ७. पत्तिय तोडहि तटतडह १५८. पत्तिय तोडि म जोइया १६०, पत्तिय पापिड दम दिल १५९. पंच बलद्द ण रक्तियई ४४. पंटियपंटिय पंडिया ८५. पंचहि बाहिरू गेहडा ४५. पाट वि अपहिं परिणवद ७८. पुण्णु वि पाट वि कालु णहु २९, पुणेग होइ विहओ १३८, पोस्था पनि मोरन्तु कई १४६. वन निहुषु परिममद १९..
SR No.010430
Book TitlePahuda Doha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBalatkaragana Jain Publication Society
Publication Year1934
Total Pages189
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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