SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 67
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Mos..... MARRENACH nemanthemmiammam animat श्री घनश्यामदासजी सिंगवी श्री घनश्यामदासजी सिगवी श्री ऋक्कीरामजी के पुत्र एव श्री लणीन्दामल सिगवी के पोत्र थे। श्री लुणिन्दामलजी का परिचय 33, 34, 35, पृष्ठो मे दिया गया है। मुलतान दिगम्बर जैन समाज मे श्री घनश्याम दास सुपुत्र श्री रिक्की राम सिंगवी एक आदर्श महापुरुष गिने जाते हैं । समाज में उनके प्रति जो गहरा सम्मान था, आदर एव श्रद्धा थी वैसा सम्मान अच्छे से अच्छे व्यक्ति को भी मिलना कठिन हो जाता है । वे धन सम्पत्ति से सम्पन्न तो थे ही साथ ही चरित्र मे भी बहुत ऊचे थे। धनाढ्य होते हुए भी सिद्धान्त ग्रन्थो के अच्छे वेत्ता थे। पूरा मुलतान समाज ही नही किन्तु डेरागाजीखान एव अन्य नगरो की समाज भी उनके निर्देशानुसार चलती थी वे भी समाज की आवश्यकताओ का अनुसरण करते थे। दिगम्बर धर्म में उनकी दृढ आस्था थी तथा उनकी हादिक इच्छा भी यही रहती थी की श्री घनश्यामदास सिंगवी धर्म का अधिक से अधिक प्रचार हो। उनकी श्वताम्बर भाइयो से अकसर गूढ सैद्धान्तिक चर्चाएं होती रहती थी। उन्हे सत्य मार्ग को समझाने का पूरा प्रयत्न करते। उन्हे अपने मिशन मे पूर्ण सफलता मिली और मुलतान के ही सर्व श्री चौथूराम सिंगवी एव श्री भोलाराम बगवानी एव नेभराज बगवानी आदि परिवारो को दिगम्बर धर्म मे दीक्षित किया। इस प्रकार सारे मुलतान समाज को अपने आदर्श जीवन से अनुप्राणित करते हुए आप सवत 1950 के पूर्व ही स्वर्गलोक के वासी हो गये लेकिन समाज मे आपने जो चेतना जागृत की थी वह सदैव स्मरणीय रहेगी। जहाँ आप धार्मिक क्षेत्र मे धर्मज्ञ एव निष्ठावान एव प्रभावशाली व्यक्ति थे वहा व्यवसाय मे भी आप बहत ऊँचे दर्ज के व्यापारी थे। आपकी मुलतान एव डेरागाजीखान मे हाथी दात एव कपडे आदि के सस्थान थे । आपके रिखवदासजी, छोगामलजी एव श्री सन्ती राम तीन पुत्र थे जिनका परिचय आगे दिया जा रहा है। 3000 • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे [ 43
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy