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________________ mics..Landan.kahaniLICE SE श्री नेभराज जी सिंगवी आपका जन्म डेरागाजीखान मे श्री जमनीदास के घर हुआ था । आप उच्च गिक्षा प्राप्त कर फिरोजपुर (पजाव भारत) मे आ गये। आप पहले से ही बुद्धिजीवी एव धार्मिक विचारधारा के व्यक्ति है । फिरोजपुर मे रहते हुए आपने धर्म कार्य एव मन्दिर जी मे पूजन प्रक्षाल आदि नित्य क्रियाये करते हुए अपने जीवन को सफल बनाते रहे । आपने आदर्गनगर मन्दिर मे जर्मनसिल्वर धातु की एक डेढ फुट की मनोज प्रतिमा की प्रतिष्ठा करवाकर विराजमान की। आपकी धर्म के प्रति काफी अभिरुचि है और धर्म के कार्यो मे सदा ही तत्पर रहते है । आदर्शनगर मन्दिर मे समय-समय पर आप सहयोग देते ही रहे है। आपने महावीर कीति स्तम्भ के चारो ओर जमीन पर फर्श लगवा कर मन्दिर की शोभा बढाने मे योगदान दिया है। आप दिल्ली रहते है और फिरोजपुर मे रेलवे से सम्बन्धित आपका व्यवसाय है। आपकी धर्मपत्नी का नाम खेमीबाई हे । वीरेन्द्र कुमार एक मात्र पुत्र एव दो पुत्रिया है। वीरेन्द्र कुमार को आपने उच्च शिक्षा हेतु प० जर्मनी भेजा, जहा वह काफी दिनो रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर वापस दिल्ली आये । श्री वीरेन्द्रकुमार सुपुत्र श्री नेभराज जी श्री वीरेन्द्रकुमार का जन्म फिरोजपुर मे 45 वर्ष पूर्व श्री नेभराज जी के घर हुआ था । B A तक शिक्षा प्राप्त कर उच्च शिक्षा हेतु आप प० जर्मनी गये, काफी वर्षों तक वहा अध्ययन किया। उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर आप भारत आ गये और एक विदेशी सस्थान मे वहुत ऊ चे पद पर कार्य कर रहे है। आपकी धर्मपत्नी का नाम आभा जैन था जिनकी विदेश मे ही हृदयगति रुक जाने से असामयिक निधन हो गया। जिससे आपको दूसरी शादी करनी पडी । उनका नाम रेखा जैन है तथा आपके हर्ष एक पुत्र एव दो पुत्रिया हैं । • मुलतान दिगम्बर न समाज-इतिहास के आलोक मे 159
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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