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________________ वगवाणी परिवार श्री राजाराम जी वगवाणी जिनका परिचय पूर्व मे दिया जा चुका है के दो पुत्र थे, श्री किशनचन्द जी और श्री नेमीचन्द जी। श्री किशनचंद जी आप मुलतान मे जनरल मर्चेन्ट्स का व्यवसाय करते थे, पाकिस्तान बनने के बाद जयपुर आकर रहने लगे। थोडे दिन पश्चात् आपका स्वर्गवास हो गया । आपकी धर्मपत्नी का नाम मेघीबाई था । आपके महावीर प्रसाद एव ज्ञानचन्द दो पुत्र थे । श्री महावीरप्रसाद जी श्री महावीर प्रसाद जयपुर मे फोटोग्राफी का कार्य करते थे। मुलतान फोटो स्टूडियो हल्दियो के रास्ते मे प्रसिद्ध सस्थान था। प्रौढावस्था मे आपकी मृत्यु हो गई। आपकी धर्मपत्नी का नाम रतन देवी है । आपके सुभाषचन्द्र, सुरेन्द्र जैन व राजबाबू तीन पुत्र हैं । श्री महावीर जी के पुत्र श्री सुभाषचंद्र जी आप महावीर प्रसाद जी के प्रथम पुत्र है, वर्तमान मे दिल्ली में रहते है । आपकी धर्मपत्नी का नाम रेखा जैन है, आपके बबलू एक लडका है । श्री सुरेन्द्र जैन जी आप महावीर प्रसाद जी के द्वितीय पुत्र है । आपको गायन विद्या का अच्छा शौक है । आपकी धर्मपत्नी श्रीमती उमिला है, आपके सोनू एक पुत्र है । व्यवसाय रिफ्लेक्स फोटू स्टूडियो, घी वालो का रास्ता । निवास-साभर फीनी वाले के मकान मे। श्री राजबाबू जी आप महावीर प्रसाद जी के तृतीय पुत्र है। आप भी फोटोग्राफी का कार्य करते है । आपकी धर्मपत्नी श्रीमती आशा है, आपके दो लडकिया हैं । निवास एवं व्यवसाय मुलतान फोटो स्टूडियो, हल्दियो का रास्ता । श्री ज्ञानचंद जी श्री ज्ञानचन्द जी का विवरण खण्ड-2 दिल्ली में दिया जावेगा । ... श्री नेमीचंद जी श्री नेमीचन्द जी का भी विवरण विशिष्ट व्यक्ति परिच्छेद में दिया जा चुका है । उनके कन्हैया लाल मात्र एक पुत्र थे जिनका परिचय निम्न प्रकार है । 156 ] •.मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के बालोक में
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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