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________________ श्री ताराचन्दजी श्री ताराचन्दजी अपने पिता के साथ मुलतान मे व्यवसाय करते थे। पाकिमान बनने के पश्चात् कुछ दिन दिल्ली अहमदगढ एवं जयपुर में अपने सयुक्त पग्विार में मार व्यापार किया। उसके बाद आप अहमदगढ (लुधियाना पजाब) मे अलग व्यवसाय वनलो। आप स्वभाव से कोमल एव श्रद्धाल व्यक्ति हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम मनोनी है, जो काफी धर्मज्ञ एवं धार्मिक गीत बोलने में रुचि रखती हैं एवं स्वाध्याय प्रेगो । आपके श्री ठाकरदास एक मात्र पुत्र एवं दो पुत्रिया है। श्री ताराचंदजी के पुत्र श्री ठाकरदासजी श्री ठाकरदास का जन्म मुलतान मे ताराचन्दजी के घर हुआ था। पाकिस्तान बनने वा आप दिल्ली आगये व उच्च शिक्षा प्राप्त कर आप अलग व्यवमाय करने लगे। अथक परिश्रमी होने से अकेले होते हए भी आपने अपने व्यवसाय में अन्य जानि की। आपकी वर्मपत्नी का नाम श्रीमती संतोष जैन है जो वो ए, बी टी उप जिला प्रात्र, आपके संजीव, राजीव एव कपिल तीन पुत्र हैं आप एजूकेगनल प्रोसस (c ) 50: कूचापातोराम देहलो प्लास्टिक कारखाना संस्थान के मालिक है। 455 गावी मे रहते हैं। श्री ईश्वरचन्दनी IPL- A
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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