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________________ चलाने हेतु नीचे के भवन का निर्माण श्रीमान कंवरभानजी के सुपुत्र स्व० श्री खशीरामजी की स्मृति मे उनकी धर्मपत्नि श्रीमती पदमो देवी एव सुपुत्र श्री शीतल कुमारजी ने कराया। ऊपर की मजिल मे विद्यालय भवन का निर्माण रमेश कुमारजी मुलतानी एव श्री वन्सीलालजी के आर्थिक सहयोग से कराया गया। अतिथि गृह का निर्माण दूसरी मजिल में, श्रीमान स्व० श्री आसानन्दजी सुपुत्र श्री कवरभानजी की स्मति में उनकी धर्मपत्नि श्रीमती रामादेवी के आर्थिक सहयोग से हुआ। मन्दिर आदि निर्माण कार्य के साथ-साथ समाज की अन्य गतिविधियाँ ___ स्वतन्त्रता के बाद मुलतान से आये हुये दिगम्बर जैन वन्धु जहा अपने आपको पुनर्स्थापन मे कटिबद्ध थे वहाँ धार्मिक कार्यो मे भी उनकी रुचि पूर्ववत बनी हुई थी। श्री शान्तीनाथ दिगम्बर जैन बडा मन्दिर तेरापथियान मे जहाँ मुलतान से लाई गई प्रतिमाए विराजमान थी नित्य सामूहिक पूजन, शास्त्रसभा मे प्रवचन आदि का कार्यक्रम तो चलता ही था विशेष तौर पर दश लक्षण आदि पर्न मे मुलतान की तन्ह यहाँ प्रात साजवाज के साथ सामूहिक पूजन, तत्पश्चात शास्त्र प्रवचन, सायकाल भक्ति आरती, रात्रि मे सगीत मण्डली द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रम किये जाते थे। इससे थोडे ही समय मे मुलतान दिगम्बर जैन समाज की संगीत मण्डली जयपुर मे विशेष प्रख्यात हो गई। सन 1950 में शान्तोनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर तेरापथियान मे सिद्ध चक्र विधान का आयोजन विशाल रूपसे बडे उत्साह के साथ किया गया। सन 1962 में दिगम्बर जैन मन्दिर आदर्श नगर मे वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव वडे घूमधाम के साथ कराया गया जिसमे दिल्ली आदि से सम्पूर्ण मुलतान दिगम्बर जैन समाज के लोग तो आये ही साथ ही वाहर के अन्य स्थानो से भी बहुत बड़ी संख्या मे धर्मप्रेमी वधु, विद्वत्गण एन सगीतज आदि भी एकत्रित हुए। इसी अवसर पर शान्तीनाथ दिगम्बर जैन वडा मन्दिर तेरापथियान घी वालो का रास्ता जौहरी वाजार से विशाल रूप मे रथ यात्रा निकाली गई, जिसमे मुलतान से लाई गई प्रतिमाओ मे से केवल चार-पाच प्रतिमाए शहर में रहने वाले मुलतानी जैन वधुओ के आग्रह पर वही छोडकर वाकी सव जिन प्रतिमाए लाकर आदर्शनगर दिगम्बर जैन मन्दिर मे विराजमान की गई। 78 ] •मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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