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________________ मूत्र नम्बर विषय पत्र संख्या व्यवहार मुनिका स्वरूप निश्चयी मुनिका स्वरूप निश्चयीके अभेदका समर्थन ७८०-८१ निश्चय रत्नत्रयकी क के साथ अभेदता-कर्मरूपके साथ तथा करणरूपके साथ अभेदता ७८३ सम्प्रदान-अपादान-और सम्बन्ध स्वरूपके साथ अभेदता ७८३-८४ निश्चयरत्नत्रयीकी आधार स्वरूपके साथ अभेदता ७८४ निश्चय रत्नत्रय की क्रिया स्वरूपके साथ अभेदता आत्माकी गुणस्वरूपके साथ अभेदता ७८५ पर्यायोंके स्वरूपका अभेदत्य प्रदेश स्वरूपका अभेदपन अगुरुलघुस्वरूपका अभेदपन ७५६ उत्पाद-व्यय-ध्रौव्यस्वरूपकी अभेदता निश्चय-व्यवहार माननेका प्रयोजन तत्वार्थमार प्रन्थका प्रयोजन इस प्रन्यके कर्ता पुगल हैं आचार्य नहीं परिशिष्ट-२ प्रत्येक द्रव्य और उसके प्रत्येक समयकी पर्यायकी स्वतंत्रताकी । घोषणा ७६. परिशिष्ट-३ माघक जीयको दृष्टिको मतत कक्षा (-स्तर ) अध्यात्मका रहस्य ७६४ पानुश्यभाय और उममें किस ओर मुके ! परिशिष्ट-५ सामक्षिप्त मार ७८७ ७८८ ७६० m
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
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