SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 358
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८० मोक्षशास्त्र २-नि:सरण-तैजस शुभ और अशुभके भेदसे दो प्रकारका है। यदि किसी क्षेत्रमें रोग, अकाल आदि पड़े तो उससे लोगोंको दुःखी देखकर तपस्याके धारी मुनिके अत्यन्त करुणा उत्पन्न हो जाय तो उनके दाहिने कधेमें से एक तेजसपिंड निकलकर १२ योजन तक जीवोंका दुःख मिटाकर मूलशरीरमें प्रवेश करता है उसे निःसरणशुभतैजसशरीर कहते है। और किसी क्षेत्रमे मुनि अत्यन्त क्रोधित हो जाय तो ऋद्धिके प्रभावसे उनके बायें कंधेसे सिंदूरके समान लाल अग्निरूप कान्तिवाला बिलावके आकार एक शरीर निकलकर (वह शरीर बढ़कर १२ योजन लंबा और ६ योजन विस्तारवाला होकर ) १२ योजन तकके सब जीवोंके शरीरको तथा अन्य पुदलो को जलाकर भस्म करके मूलशरीरमें प्रवेश करके उस मुनिको भी भस्म' कर देता है, ( वह मुनि नरक को प्राप्त होता है । ) उसे निःसरणअशुभतैजसशरीर कहते है ॥ ४८ ॥ आहारक शरीरका स्वामी तथा उसका लक्षण शुभं विशुद्धमव्याघाति चाहारकं प्रमत्तसंयतस्यैव ॥४॥ अर्थ-[ आहारकं ] आहारक शरीर [ शुभम् ] शुभ है अर्थात् यह शुभ कार्य करता है [ विशुद्धम् ] विशुद्ध है अर्थात् वह विशुद्धकर्म (मंद कषाय से बंधनेवाले कर्म ) का कार्य है। [च अव्याघाति ] और व्याघात-बाधारहित है तथा [प्रमत्तसंयतस्यैव ] प्रमत्तसयत (छठवे गुरणस्थानवर्ती ) मुनिके ही वह शरीर होता है । टीका १-यह शरीर चन्द्रकान्तमणिके समान सफेद रंगका एक हाथ प्रमाणका पुरुषाकार होता है, वह पर्वत वज्र इत्यादिसे नही रुकता इसलिये अव्याधाति है । यह शरीर प्रमत्तसयमी मुनिके मस्तकमे से निकलता है, प्रमत्तसंयत गुणस्थानमे हो यह शरीर होता है अन्यत्र नही होता; और यह शरीर सभी प्रमत्तसंयत मुनियोके भी नहीं होता। २-यह आहारकशरीर ( १ ) कदाचित् लब्धि विशेषके सद्भाव जाननेके लिये, (२) कदाचित् सूक्ष्मपदार्थके निर्णयके लिये तथा (३) कदाचित् तीर्थगमनके या संयमकी रक्षाके निमित्त उसका प्रयोजन है, केवली
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy