SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२ मगलमन्त्र णमोकार - एक अनुचिन्तन होता है । अभिप्राय यह है कि जबतक प्राणीकी इस परम मांगलिक महामन्त्रके प्रति श्रद्धा भावना जाग्रत नहीं होती है, तबतक वह बहिरा. त्मा ही बना रहता है और विकारभावोको अपना स्वरूप समझकर अनिश व्याकुलताका अनुभव करता रहता है। भेदविज्ञान और निर्विकल्प समाघिसे आत्मामे लीन, शरीरादि परवस्तुओसे ममत्ववुद्धि-रहित एव चिदानन्दस्वरूप आत्माको ही अपना समझनेवाला स्वात्मज्ञ चैतन्यस्वरूप आत्मा अन्तरात्मा है। इसके तीन भेद हैं-उत्तम, मध्यम और जघन्य । समस्त परिग्रहके त्यागी; नि स्पृही, शुद्धोपयोगी और आत्मध्यानी मुनीश्वर उत्तम अन्तरात्मा हैं, देशव्रती गृहस्थ और छठे गुणस्थानवर्ती निर्ग्रन्थ मुनि मध्यम अन्नरात्मा हैं तथा राग-द्वेषको अपनेसे भिन्न समझ स्वरूपका दृढ श्रद्धान करनेवाले व्रतरहित श्रावक जघन्य अन्तरात्मा हैं। उपर्युक्त तीनो ही प्रकारके अन्तरात्मा णमोकार मन्त्र-जैसे मंगलवाक्योंकी आराधना द्वारा अपनी प्रवृत्तियोको शुद्ध करते हैं तथा निवृत्ति मार्गकी ओर अग्रसर होते हैं । णमोकार मन्त्रका उच्चारण ही शुभोपयोगका साधन । है। इसके प्रति जव भीतरी आस्था जाग्रत हो जाती है और इस मन्त्रमे कथित । उच्चात्माओके गुणोंके स्मरण, चिन्तन और मनन द्वारा स्वपरिणतिकी ओर झुकाव आरम्भ हो जाता है, तो शुद्धोपयोगकी ओर व्यक्ति बढता है । अत' यह मगलवाक्य उक्त तीनो प्रकारको अन्तरात्माओको प्रगति प्रदान करता है । वास्तविकता यह है कि महामन्त्र विकारभावोंको दूर कर आत्माको अपने शुद्ध स्वरूपकी ओर प्रेरित करता है। सासारिक पदार्थोके प्रति आसक्ति तथा आसक्ति मे होनेवाली अशान्ति आत्माको वेचैन नहीं करती। यद्यपि कर्मोके उदयके कारण विकार उत्पन्न होते हैं, किन्तु उनका प्रभाव अन्तः । रात्मापर नही पडता। णमोकार-मन्त्र अन्तरात्माओंके साधना मार्गमे मीलके पत्थरोका कार्य करता है, जिस प्रकार पथिकको मीलका पत्थर मार्गका परिज्ञान कराता है, उसे मार्गके तय करनेका विश्वास दिलाता है, उसी
SR No.010421
Book TitleMangal Mantra Namokar Ek Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1967
Total Pages251
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy