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________________ १२ १५. धरमनाथ : पन्द्रहवां तीर्थकर धरमनाथ हुया । इणारी जनमस्थान रतनपुर हो । कुरुवसी राजा भानु प्रापरा पिता पर माता सुव्रता ही । आपरो लांछरण वज्रदंड पर निर्वारणस्थळ सम्मेदसिखर हो । आापरै समै में सुदरसन बळदेव, पुरुषसिंह वासुदेव अर निसुम्भ प्रति बासुदेव हुया । प्रापरै निर्वाण पर्छ प्रपरे तीरथ में मघवा अर सनतकुमार नाम राक्षे चक्रवर्ती सम्राट हुया । १६. शांतिनाथ : सोलवां तीर्थंकर श्री शांतिनाथ हुया । इणां रो जीवन प्रभावशाली अर लोकोपकारी हो । आपरो लांछरण, हरिण, जनमस्थान हस्तिनापुर, पितारो नाम महाराज विश्वसेन पर माता रो महाराणी श्रचिरा हो । शांतिनाथ चक्रवर्ती सम्राट हा धरणा बरसां ताई ई धरती पर आप राज करियो । पछे दोक्षा लै'र कठोर तप कर' र केवळज्ञान री प्राप्ति करी । आप सम्मेदसिखर सू निर्वाण प्राप्त करियो । शांतिनाथ भगवान घरणा लोकप्रिय तीर्थंकर हुया । प्रापरी उपासना रो आज भी घरणो महत्त्व है । १७. कुंथुनाथ : सतरहवां तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ हुया । इणांरो जनम हस्तिनापुर में हुयो | पर पिता रो नाम महाराज वसु र माता रो श्री देवी हो । आप भी आप स रा चक्रवर्ती सम्राट हा । प्रापरो लांछ बकरो र निर्वाण स्थळ सम्मेदशिखर हो । १८. अरनाथ : अठारमां तीर्थंकर भगवान अरनाथ हुया । प्रापरी जनमस्थान हस्तिनापुर, लांछरण नन्दावर्त, पिता रो नाम महाराज
SR No.010416
Book TitleMahavira ri Olkhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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