SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वी. महावीर प्रभुको पूर्वजन्मके गृत्तांत जाननेरो वैराग्य होना' ... ... ... ... ६८ ग्यारवां आधिकार ॥११॥ J पैराग्यकी वढानेवाली बारह भावनाओं का चितवन ७. बारवां अधिकार ॥१२॥ महावीर प्रभुके पास लोकांतिक देवोंका आना ७८ महावीर प्रभुको संका नामके वनमें जाकर आप दीक्षा लेना ... ... ... ... ८२ तेरवां अधिकार ॥१३॥ स्थाणुनामा रुद्र (महादेव )कर किया गया 8 उपरार्ग राहना ... ..... चंदना रातीकर प्रभुको आहार देनेरो बंधनरो छूटना व रत्नादि वर्षा होना ... ... महावार प्रभुको केवलज्ञान होना ... ... M चौदहवां अधिकार ॥१४॥ इंद्रों का परिवार सहित केवलशान कल्याणका उत्सव करनेको आना ... ... .. है भगवानके रामवशरण (सभामंडप) का वर्णन ९६ पंद्रहवां आधिकार ॥ १५॥ जिनेंद्रकी छन्न चमरादिसंपदाका वर्णन ... १०३ 18 अहंत श्रीमहावीर प्रभुकी तीनपहर नतिजानेपर भी दिग्ग धुनी नहीं निकालनेसे इंद्रको चिंता होना १०७ लन्डन्न्छन् फिर ज्ञानसे जानकर गौतम ब्राह्मणको गणधर पदवी योग्य समशना ... . फिर बुदेवायणका भेपरत इबको उस गौतमके पास जाके एक काव्यका अर्थ पूछना .... काव्यका अर्थ कठिन समझ मानी गौतम विप्र को प्रभुको सभा मंडपमें आना ... ... वहां मानस्तंभको देस मान दूर करके गौतमकर कीगई प्रभुकी स्तुति ... ... ... सोलहवां अधिकार ॥१६॥ गौतम स्वामीकर किये गये प्रश्नोंका वर्णन ... उन प्रश्नों का भगवानकर दिया सात तत्त्वरूप उत्तर सत्रहवां अधिकार॥१७॥ फिर नौ पदार्थों का व्याख्यानस्वबैग उत्तर ... १२ अठारहवां अधिकार ॥१८॥ महावीर भगवानकर दिया गया धर्मका उपदेश उन्नीसवां अधिकार ॥१९॥ श्रीमहावार प्रभुके समवशरणका राज्यमही नग रीके पास विपुलाचल पर्वतपर जाना ... यहां पर अपने पुत्र अभय कुमार तथा अन्य राई प्रजाराहित अणिकराजाका आना ... फिर धीणकराजाको अपने भवोंका सुनना ... अभय कुमार पुत्र के भवोंका कथन ग्रंथकारका अंतिम कथन... ... ॥३॥ मायन ......
SR No.010415
Book TitleMahavira Purana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManoharlal Shastri
PublisherJain Granth Uddharak Karyalaya
Publication Year1917
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy