SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 188
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रथम मनन का गला तक प मला पर क्यान इस परिचय ! हीनता खाज कल का मस्कृत मी कविता संस्कृत छन्द म भी जाकर और श्री श्रमिक हानिकारक है | मूल यह रेल की सड़क पर है प्रथम समागम में स्थान मेले फासले पर प्रकृति-परिचय-हीनता आजकल की मस्कृत मरी कविता का संस्कृतापयुक्त छन्दों में रचा जाना भार भी हानिकारक है। ATAU RAVENS संशोधित रूप वह रेल की सड़क पर है क्या क्या विषय अभ्ययन कोन कोन विषय अन्ययम विय है किये है इनम उनसे राठक, नुक्क पाठक, ""ग्रापका पमर्थ नाथ महानाय सत्यदेव बद्रीनाथ गह विद्यानाथ । काय. गु. 6 सर्वनाम सम्बन्धी संशोधन लेखक सत्यदेव 1J वृन्दावन लाल श्रमा पूर्णसिह राजपूतनी अमेरिकन स्त्रियां महाकवि मिल्टन कवि कर्तव्य बचना अमेरिका के खेत पर मरे कुछ दिन देश हितैषियों के व्यान देने भाग्य बाते राखी बन्द भाई कन्यादान १० श्रष्ठ SC १६ ०६ १६८ १६.१६ AP सन् १६०८ >> १९०६ ६ बल
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy