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________________ रवीन्द्र नाथ ठाकुर ' आदि निब व कविलेखक परिचायक हैं सरस्वती के प्रय परिचयखंड मे प्रकाशित अनेक पुस्तक-ममीक्षाएँ ग्रन्थ-परिचायक निबन्धो की कोटि में श्राएंगी ! 'महिष-शतक की समीक्षा', 'उर्दू शतक', 'हिन्दी नवरत्न'४ अादि निबन्ध अालोचना की कोटि के हैं । 'नायिका भेद', 'कवि और कविता'६ 'कवि बनने के लिए मापेक्ष माधन', 'हिन्दू-नाटक'८ 'नाट्यशास्त्र', आदि का विषय माहित्यशास्त्र है। विषय की दृष्टि में द्विवेदी जी के निबन्धी का दृमग वर्ग जीवनचरित है। प्राचीन एवं आधुनिक महापुरुषो मे साधारण पाठको को परिचित कराने और उनके चरित्र से उन्हें लाभान्वित करने के लिए इस प्रकार की सुन्दर जीवनिया लिम्वी गई। ये जीवनचरित चार प्रकार के व्यक्तियों को लेकर लिन्वे गए है--विद्वान् गजारईस, राजनीतिज्ञऔर धर्मममाजसुधारक । 'सुकविमंकीर्तन' तथा 'प्राचीन पंडित और कवि' विद्वानों पर लिखे गए, निबन्धी के ही संग्रह है । 'हर्बर्ट स्पॅमर',१० गायनाचार्य पंडित विष्णु दिगम्बर १५ प्रादि भी इभी प्रकार के निवन्ध है । 'महाराजा टावनकोर',१२ 'श्यामनरेश चूडालकरण १3 आदि राजाश्री पर लिग्वित नियन्व है । 'कांग्रेस के कर्ता'१४ सर हेनरी काटन'," 'आदि राजनीतिजा पर लिखेगए हैं। धर्मप्रचारको एवं समाजसुधारका पर द्विवेदी जी ने अपेक्षाकृत बहुत कम लिग्वा है। बौद्धाचार्य शीलभद्र',१६ 'शास्त्रविशारद जैनाचार्य', 'श्रीविजयधर्म सूरि १७ श्रादि के विषय धार्मिक पुरुप हैं । १. सरस्वती' १९१२ २. ,, १६०१ १९०७ १६०३ ई० में लिखित और १६१० ई० में पुस्तिकाकार प्रकाशित । १०. 'सरस्वती', ११०६ ई०, पृ० २५५ । ११. . १६०७ ३८६ । १२ 'सरस्वती', १६०७ ई., पृ. ५०३ । १९१५ 'विचार-विमर्श' में मंकलित । ११० एप्रिल
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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