SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 67
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समस्त हिन्दू एक समय था जब हमारे देश मे बहुत चर्चा चली कि 'हिन्दू' कौन ? इसी चर्चा के सिलसिले मे हिन्दू शब्द की अनेक व्याख्याये हुयी और लक्षण बांधे गये । 'जो अपने को हिन्दू समझता है वही हिन्दू है' ऐसी एक व्याख्या उन दिनो की गयी थी । लोकमान्य तिलक की बनायी हुई व्याख्या मे प्रामाण्यवुद्धिवेदेषु' यही मुख्य लक्षण था । 'साधनाना अनेकता और 'उपास्याना अनियम,' यह था हिन्दू समाज की विविधता, उदारता और सर्व सग्राहकता का लक्षण । इसी परम्परा को आगे चला कर विनोवाजी ने हिन्दू की व्याख्या की है । मुझ जैसे बहुत से लोग उनके लक्षण को मजूर करेंगे। उनका विवरण खूवीदार और रोचक है । श्रव इसी मवाल को हम एक दूसरे पहलू से देखे । आज ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र यादि चार वर्णो मे बँटे हुये और अनेक जातियो मे विभक्त सव सनातनी लोग, निगायत, वैष्णव, भागवत आदि अनेक पथो के लोग, श्रार्य समाजी, ब्राह्मो (प्रार्थना समाजी), जैन, बौद्ध, सिक्ख श्रादि सम्प्रदाय के लोग ये सब के सब हिन्दू माने जाते हैं । हिन्दुस्तान की आदिम जातियाँ भी हिन्दू समाज के अन्तर्गत ही है । हम यो भी कह मकते है कि जो लोग पारमी, मुसलमान, ईसाई आदि विदेश मे प्राये हुये धर्मों के अनुयायी है, वे सब हिन्दू ही है । अगर किसी आदमी का ईश्वर पर विश्वास नही है, तो उससे उसका हिन्दुत्व मिट नही जाता । जो व्यक्ति जान पात, वर्ण और आश्रम को नही मानता वह भी हिन्दू रह सकता है । दार्शनिक खयाल मे कहा जाता है कि ईश्वर को मानने, न मानने पर मनुष्य की नास्तिकता निर्भर नही । जो वेद को नही मानता वही नास्तिक है । 'नास्तिको वेदनिन्दक ' । किन्तु स्वामी विवेकानन्द ने वेद का अर्थ किया हे 'ज्ञान' । वेद को मानना, वेद के प्रति आदर रखना एक चीज है और वेद-वचन को प्रमाण समझना दूसरी बात । आर्य समाजी लोग प्रॉटेस्टट ईसाई लोगो की वृत्ति के हैं । प्रॉटेस्टट ईसाई वायविल को प्रमाण मानते हैं, लेकिन वायविल का अर्थ करने मे अपने को
SR No.010411
Book TitleMahavira ka Jivan Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy