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________________ X1V काकाजी के चिरपरिचित और पण्डित बेचरदासजी के प्रिय विद्यार्थी, स्वतन्त्र चिन्तक, सत्यशोधक, राष्ट्रसत, कविवर उपाध्याय अमरमुनिजी से लिखवाई जावे । कवि श्री से लिखवाने का भार श्री गुलाबचन्द जी जैन, दिल्ली को सौपा गया। श्री गुलाबचन्द जी वार्धक्य एव अस्वस्थ होते हुए भी स्वय अपने पौत्र श्री अजितकुमार को साथ लेकर राजगृह गये और उपाध्याय श्री से प्रस्तावना के लिए निवेदन किया । उपाध्याय श्री ने मौन एव ध्यानावस्था मे रहते हुए भी काकाजी की इस पुस्तक की महत्ता को स्वीकारते हुए प्रस्तावना लिखकर हम सब को ग्रनुग्रहीत किया, एतदर्थ हम उनके हृदय से कृतज्ञ हैं । राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान के सचिव श्री देवेन्द्रराजजी मेहता और सयुक्त सचिव जैन साहित्य मनीषी महोपाध्याय विनयसागरजी ने इसे प्रकाशित कर स्वतन्त्र चिन्तको के लिए पाथेय प्रदान किया, एतदर्थं हम इन दोनो के भी हृदय से आभारी है | दिल्ली 23 अक्टूबर 1982 गुलाबचन्द जैन सरोज नानावती कुसुम शाह
SR No.010411
Book TitleMahavira ka Jivan Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajasthan Prakruti Bharati Sansthan Jaipur
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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