SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 88
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ज्योतिर्मय महावीर (पद्य काव्य श्री रमेश सोनी मधुकर खुरई, (सागर) म०प्र० पुण्य-दिवस हम मना रहे है, महावीर भगवान का। मानवता के हृदय-गगन मे, सूरज चमका ज्ञान का ॥ पुण्य-दिवस के प्रथम प्रहर मे, मेरा- प्रथम प्रणाम लो। दर्शन की प्यासी अंखियों का, बढ कर ऑचल थाम लो। (२) पद-रज धोने मचल पडी है, पलको की ये निर्झरणी। अक्षत पूजन करने निकली, श्वासो की पावन तरणी ।। हर तिनका वशी सा गूंजा, फल था दया-निधान का। पुण्य दिवस हम मना रहे है, महावीर भगवान का ।। (३) कुसुम-कुंज में नव निकुज मे, चित्रित है तेरी भाषा । मोन लिपी से समझाई थी, दया धर्म की परिभापा ॥
SR No.010408
Book TitleMahavira Chitra Shataka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalkumar Shastri, Fulchand
PublisherBhikamsen Ratanlal Jain
Publication Year
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy